एम्स, ऋषिकेश में राष्ट्रीय कोरोरेक्टल कैंसर जागरुकता माह के तहत मरीजों को कोलोन कैंसर के प्रति जागरुक किया गया। बताया गया कि संस्थान में इस बीमारी का समग्र परीक्षण एवं उपचार उपलब्ध है लिहाजा मरीजों को इस सुविधा का लाभ उठाया चाहिए। साथ ही उनसे इस बीमारी के प्रति जागरूक रहने की अपील भी की गई। एम्स ऋषिकेश के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग एवं नेटवर्क ऑफ ऑन्कोलॉजी क्लीनिकल ट्रायल इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में कैंसर ओपीडी में जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों व उनके तीमारदारों को बड़ी आंत के कैंसर को लेकर जागरुक किया। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उन्हें कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण, कारण व निवारण संबंधी जानकारियां दी। इस अवसर पर डीन एकेडमिक एवं रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने मरीजों को बताया कि एम्स ऋषिकेश में कोलोन कैंसर की संपूर्ण सुविधा उपलब्ध है। लिहाजा मरीजों को अस्पताल में उपलब्ध सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अमित सहरावत ने कैंसर जैसे रोगों के प्रति जागरुकता ही निदान एवं उपचार का प्रथम चरण है। लिहाजा समय से जांच कराई जाए तो आसानी से कैंसर का समग्र उपचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि समय रहते कैंसर का उपचार शुरू किए जाने से 70 फीसदी तक कैंसर के मामलों को कम किया जा सकता है। बताया कि कोलोन कैंसर विश्व में सबसे अधिक होने वाले कैंसर में से एक है। डा. अमित सहरावत ने बताया कि एम्स संस्थान कोलोन कैंसर के प्रति वृहद स्तर पर जनजागरुकता के लिए भविष्य में भी निरंतर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। गौरतलब है कि मार्च माह को (एक मार्च से 31 मार्च तक) राष्ट्रीय कोलोरेक्टल कैंसर जागरुकता माह के तौर पर मनाया जाता है,जिसके तहत एम्स ऋषिकेश की ओर से मरीजों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के डा. दीपक सुंदरियाल, एनओसीआई के प्रोजेक्ट मैनेजर रजत गुप्ता आदि मौजूद थे।
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