उत्तराखंडराजनीति

चमोली का साथ दें या पंवार का

धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिती।

देहरादून। राजनीति का नशा इस कदर चड़ जाता है कि कुर्सी पाने के लिए दोस्त दोस्त नहीं रेहत लेकिन इनके बीच अगर कोई पिसता है तो वह आम कार्यकर्ता होता है। ऐसा ही धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। पिछली बार भाजपा प्रत्याशी विनोद चमोली के लिये जीजान से जुटे वीर सिंह पंवार इस बार उनके खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। पंवार बरसों से धर्मपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। यही वजह है कि वह जनता के बीच लगातार सर्किय रहे। भाजपा नेता होने के नाते उनका संपर्क भाजपा के महिला एवं तमाम कार्यकर्ताओं से रहा है अब उनके निर्दलिय चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिती है।

 


विनोद चमोली भाजपा के प्रत्याशी हैं एसे में भाजपा कार्यकर्ता सीधे तौर पर उनके साथ दिख रहें हैं लेकिन पांच वर्षों का उनका रिपोर्ट कार्ड धरातल पर नजर नहीं आता। पिछले चुनाव से पहले तत्कालीन विधायक दिनेश अग्रवाल की ओर से बनाई गई सड़कों पर उनके बोर्ड हटाकर अपने बोर्ड लगाने वाले विनोद चमोली के कार्यों की हकीकत भी लोगों ने देखी है। एक विशेष गुट से वह हमेशा घिरे रहे जबकी दूसरी ओर वीर सिंह पंवार टिकट की प्रत्याशा में सामाजिक कार्यों में जुटे रहे। दोनों नेताओं की कार्यकर्ताओं पर गहरी पकड़ है अब चुनाव में दोनो के आमने सामने होने से कार्यकर्ता असमंजस में हैं। उन्हें यह नहीं सूझ रहा है कि चमोली के पक्ष में रहें की पंवार के। नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक महिला ने तो यहां तक कह दिया की वह भाजपा की कार्यकर्ता होने के नाते विनोद चमोली के साथ हैं लेकिन वह वीर सिंह पंवार की जीत की कामना करती है। यही स्थिती कई अन्य कार्यकार्ताओं की भी है। महिलाओं का यहां तक कहना है कि वह आपस में यह बात कर रहीं हैं कि वह आखिर किसके साथ हैं, पंवार के साथ हैं कि चमोली के साथ।

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