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भाजपा नेताओं ने मूल निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को लेकर सीएम को ज्ञापन सौंपा

उत्तरकाशी: भाजपा नेताओं ने अब मूल निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को लेकर सीएम को ज्ञापन भेज दिया है। पार्टी के महा जनसंपर्क अभियान के तहत चिन्यालीसौड़ में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन देकर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष बुद्धि सिंह पवार ने मूल निवास का मुद्दा एक बार फिर गरमा दिया है।

उन्होंने सीएम को ज्ञापन देकर कहा कि जन भावनाओं के अनुरूप उत्तराखंड में रोजगार के लिए स्थाई निवास के बजाय मूल निवास को अनिवार्य किया जाए। उन्होंने इसके लिए 1960 को मानक वर्ष मानने का आग्रह किया। सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए श्री पवार ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व में उत्तराखंड भले ही विकास के रफ्तार में आगे बढ़ रहा है लेकिन मूल निवास की अनिवार्यता नहीं होने से स्थानीय बेरोजगारों को नुकसान हो रहा है।

इस बीच बड़ी संख्या में बाहरी प्रदेश के लोगों ने यहां स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी पाने का अवसर पा लिया है।पवार ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की लड़ाई के दौरान भी मूल में यही भावना थी कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होंने मांग की कि स्थाई निवास के बजाय मूल निवास को अनिवार्य किया जाए एवं स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिलाने दिलाने के लिए आदेश जारी किया जाए।

उन्होंने कहा कि पूर्व में मूल निवास प्रमाण पत्र बनते थे लेकिन 2012 के बाद बिना शासनादेश के मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने बंद कर दिए गए हैं और इसके स्थान पर स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने इसे उत्तराखंड यों के साथ छलावा बताया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि सुबह में बाहरी प्रदेशों के लोगों की लगातार आबादी बढ़ रही है।सीमांत जनपद उत्तरकाशी में मुस्लिम आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।सामरिक महत्व के इस जनपद में मुस्लिम आबादी बढ़ना खतरनाक है।इससे लव जिहाद जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलन की जन भावनाओं का सम्मान करते हुए उत्तराखंड में मूल निवास प्रमाण पत्र एवं सख्त कानून के लिए उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

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