वित्त मंत्री ने सदन में पेश किया 11321 करोड़ का अनुपूरक बजट, विपक्ष ने इन मुद्दों पर घेरा…
देहरादून : सरकार ने सदन में 11321 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। सीएम धामी की मौजूदगी में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शाम चार बजे बजट सदन पटल पर रखा। नियम 58 के तहत मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बार बारिश बहुत ज्यादा हुई है। 2023-24 में वर्तमान तक 45650 प्रभावित परिवार को 30.40 करोड़ की धनराशि दी गई है। हरिद्वार का सर्वे जारी। राज्य आपदा मोचन निधि से 301 करोड़ अग्रिम रूप से आवंटित किए। प्रदेश में बारिश के कारण 111 जनहानि हुई, 172 लोग घायल हुए। प्रदेश में बारिश से 1344 करोड़ का नुकसान हुआ है। आपदा के लिए दो हेलीकॉप्टर लगाए गए थे। जोशीमठ में 150 परिवार को 33.50 करोड़ की सहायता राशि दी गई। 296 प्रभावित परिवार को राहत कैंप में रखा गया। 324 परिवार को 1 लाख प्रति परिवार की दर से अतिरिक्त राहत। सामान स्थानांतरित करने को 50 हजार प्रति परिवार दिया गया है।
बजट प्रावधान के मुख्य बिंदु-
केंद्रीय पोषित योजना (सीएसएस) के अंतर्गत करीब 3,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.नाबार्ड के अंतर्गत करीब 2,86 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.बाह्य सहायतित योजना (ईएपी) के तहत करीब 3,31 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.राज्य पोषित योजनाओं के अंतर्गत करीब 3,200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.स्थानीय निकायों को समनुदेशन के लिए 157 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. जिसमें नगर निगमों को 38 करोड़, नगर पालिकाओं को 23 करोड़, नगर पंचायतों को 10 करोड़, जिला पंचायतों को 45 करोड़, क्षेत्र पंचायतों को 11 करोड़ और ग्राम पंचायतों को करीब 28 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.वहीं, पूंजीगत परिव्यय के अंतर्गत 3,290 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल में नेता उप प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने प्रश्न काल में डेंगू का मामला उठाया। जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने जवाब दिया। कहा कि अभी तक प्रदेश में डेंगू से 5 लोगों की हुई है। इनमें से तीन मरीज कैंसर से ग्रसित थे। बताया कि 1 सितंबर तक प्रदेश में 746 डेंगू पॉजिटिव पाए गए थे, जिनमें से 660 डेंगू मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गए हैं। डेंगू से बचाव के उपचार पर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है।
प्रतापनगर विधायक विक्रम नेगी ने कहा कि उत्तराखंड जंगल, चट्टानों, घाटी-चोटी, ग्लेशियर का प्रदेश है। यहां हर साल बारिश की वजह से बड़े स्तर पर भूमि का कटाव होता है। इसलिए दैवीय आपदा के नियमों में बदलाव की जरूरत है।
ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर ने कहा कि आपदा ने सरकार की कलई खोल दी है। 20 दिन तक ट्रांसफार्मर नहीं रखे गए। आपदा में किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। खेत बह गए। किसानों की मदद को कोई तैयार नहीं। आपदा में मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए। यूपी की तर्ज पर किसानों की एक साल की बिजली माफ हो और उनका ऋण भी माफ हो। पूरे हरिद्वार जिले के साथ ही प्रदेश को आपदा क्षेत्र घोषित किया जाए।
नियम 58 के तहत विधायक उमेश कुमार ने कहा कि हरिद्वार के खादर क्षेत्र में आपदा से भारी नुकसान हुआ। चेक वितरण में गड़बड़ी की जा रही है। 15 बीघा वालों को 2000 और दो बीघा वालों को 15 हजार मुआवजा दे रहे हैं। 1100 रुपये का मुआवजा प्रति बीघा दिया जा रहा है। जबकि एक बीघा में 1200 का डीजल लग जाता है।