उत्तराखंड

फूल्यारा मेला उत्तरौं गांव के स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक

श्रावण मास में प्रत्येक मन्दिर में श्रावण सोमवार को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन शिवलिंग का स्नान भी किया जाता है। यह स्नान पवित्र जल और दूध के साथ अभिषेक के रूप में किया जाता है। श्रावण सोमवार के दिन शिवजी की पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तों द्वारा शिव भजन गाए जाते हैं। यह परंपरा मान्यता में माना जाता है और श्रावण मास की विशेषता मानी जाती है।

उत्तरौं गांव में तीनों ढोलियों के साथ फूलयारा मेला मनाया गया

उत्तरौं गांव में आज सावन संक्रांति के दिन एक पौराणिक मेला आयोजित किया गया था जिसे फूल्यारा मेला के नाम से जाना जाता है। इस मेले में उत्तरौं, नौगंव, और सेकू गांव की ढोलियां एक साथ मौजूद थीं। इस मेले में भाग लेने के लिए सभी लोगों ने सहयोग किया और इस रंगीन और धूमधाम भरे मेले को साकार किया। इसमें गांव के सभी संगठनों ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

[श्रावण मास में श्रावण सोमवार का महत्व]

श्रावण मास में प्रत्येक मंदिर में श्रावण सोमवार का विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन पूजारियों द्वारा शिवलिंग पर पवित्र जल और दूध से स्नान कराया जाता है। यह स्नान पूजार्चना का महत्वपूर्ण अंग है और इसे पवित्र जल और दूध के साथ अभिषेक के रूप में किया जाता है। श्रावण सोमवार के दिन भक्तों द्वारा शिव भजन गाए जाते हैं और उन्हें अपनी आराधना और पूजा में श्रद्धा से लगे रहना चाहिए। यह परंपरा मान्यता में मानी जाती है और श्रावण मास की विशेषता के रूप में मानी जाती है।

फूल्यारा मेला उत्तरौं गांव का प्रमुख त्योहार है और यह प्रति वर्ष सावन मास के दौरान मनाया जाता है।

जिसमें हमियार(सोमेश्वर देवता) नित्य कर्म करते हैं और गाँव के सदस्यों की अर्जियों को स्वीकार करते है

इस मेले में गांव के निवासी और पर्यटक एक साथ आते हैं और अपने आपको रंगीनता और आनंद के साथ भरते हैं। मेले में विभिन्न आकर्षण और गतिविधियाँ शामिल होती हैं जैसे की नृत्य, संगीत, जुलूस, और विभिन्न प्रकार के परिक्रमा।

मेले के दौरान खाद्य स्थान, चटारे और हाथ के बने उत्पादों की भी विशेषता होती है। यहां पर आप मिठाई, नमकीन, चाट, पकवान, फल, और विभिन्न प्रकार के परिपूर्ण भोजन का आनंद ले सकते हैं।

इस मेले में श्री नाग देवता पूर्व सेनिक समिति, ग्राम समिति और स्थानीय संगठनों द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इससे स्थानीय कला, हस्तशिल्प, और पारंपरिक कारीगरी को प्रोत्साहन मिलता है

फूल्यारा मेला न केवल एक मनोरंजक और उत्साहभरा त्योहार है, बल्कि यह स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का माध्यम भी है। यह मेला पर्यटन को बढ़ावा देता है और स्थानीय व्यापार, उद्योग और शिल्पकारी को समर्थन प्रदान करता है। इसके अलावा, यह मेला सामुदायिक एकता और समाजिक समरसता को बढ़ावा देता है और लोगों को मनोरंजन और मन की शांति प्रदान करता है।

आयोजन को संचालित करने के लिए निम्नलिखित समितियों ने सहायता प्रदान की।
ग्राम प्रधान ,क्षेत्र पंचायत भण्डारी गाॅव के बुजुर्ग लोग
नवयुवक मंगल दल महिला मंगलदल
श्री नाग देवता पूर्व सैनिक समिति उत्तरौं

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