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जिस कॉलेज में पड़े, वहां दी 30,000 की पुस्तकें

उत्तरकाशी। महाविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ गिरीराज ने दी वनस्पति विज्ञान विभाग को 30,000 की पुस्तकें महाविद्यालय के पूर्व छात्र एवं वर्तमान में बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून मैं वैज्ञानिक ई0 पद पर कार्यरत ने वनस्पति विज्ञान को वनस्पति सास्त्र की बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तकें प्रदान की जिनकी बाजार मूल्य लगभग ₹30हजार है जो कि महाविद्यालय के लिए बहुत ही आवश्यक थी क्योंकि इन में कतिपय पुस्तकें महाविद्यालय के पास नहीं है डॉक्टर गिरिराज वर्ष 2001 में महाविद्यालय से वनस्पति विज्ञान एमएससी की एवं 2003 में जीवन विज्ञान नेट यूजीसी निकाल वर्तमान में वर्तमान में बी0एस0आई0 देहरादून में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत है आपके द्वारा पंतनगर विश्वविद्यालय से पीएचडी की गई एवं दिल्ली में रहकर तैयारी की गई डॉ गिरी द्वारा कतिपय ऐसी पुस्तकें दी गई जोकि विभाग में उपलब्ध नहीं है एवं वो पुस्तकें अपने विषय के पारंगत विख्यात विदेशी प्राध्यापकों द्वारा लिखी गई महाविद्यालय वनपति विभाग में कार्यरत डॉ महेंद्र पाल सिंह से बताया कि डॉक्टर गिरिराज समय-समय पर छात्रों के बीच व्याख्यान देने आते रहते हैं एवं विज्ञान के क्षेत्र में छात्र छात्राओं को समय-समय पर प्रेरित करते हैं डॉक्टर गिरिराज के सहयोग से इस वर्ष महाविद्यालय के 5 प्राध्यापकों को वर्गीकरण विज्ञान में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से आए डॉक्टर गांधी जी द्वारा छह दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग हेतु बीएसआई देहरादून में डॉ महेंद्र पाल सिंह ,डॉ ऋचा ,डॉ आराधना,डॉ रीना एवम डॉ प्रेरणा पोखरियाल आमंत्रित किया गया ।
महाविधालय की प्राचार्या प्रोफेसर सविता गैरोला जी द्वारा डॉ गिरिराज द्वारा प्रदत पुस्तकों का लाभ वनस्पति विज्ञान के छात्रों के लिए अच्छी पहल बताया व कहा इसी प्रकार यदि सभी पूर्व छात्र प्रयाश करते रहें तो निश्चित ही विद्यालय प्रगति करेगा व कहा विद्यालय परिवार डॉक्टर गिरिराज का आभार प्रकट करती है

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