उत्तराखंडसामाजिक

करें मदद: आपका योगदान दे सकता है जीवनदान

एक्सीडेंट में घायल युवक के पास पैसे नहीं, सीएमआई में चल रहा उपचार

नोट-  इस खबर को अधिकािधक लोगों तक धेयर करें, ताकि इस युवा की मदद की जा सके।

 

देहरादून। व्यवस्था के चक्रव्यूह से एक युवा जीने के लिए मौत से संघर्ष कर रहा है। उसके ऐसे बु रेवक्त में आप थोड़ी-थोड़ी आर्थिक सहायता कर उसके जीवन रथ को आगे बढ़ा सकते हैं। हम उसकेजीवन की रक्षा के लिए थोड़ी- थोड़ी राशिदेकर मदद करेंगे तो उसके जीवन को बचाया जा सकेगा। इसके लिए उसकी पत्नी के खाते में आप सहयोग राशि भेज सकते हैं।

आप युवक की पत्नी के इस खाते में मदद भेज सकते हें-
लक्ष्मी देवी
भारतीय स्टेट बैंक लालतप्पड़
खाता संख्या— 20417440098
ब्रांच कोड— 14148
आईएफएस कोछ—- एसबीआईएन 0014148


जी हां, मैं बात कर रहा हूं ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के छिद्दरवाला निवासी जीतेंद्र पुत्र सूरत  राम कुड़ियाल । जीतेंद्र का 28 सितंबरकोछिद्दरवाला में किसीबाइक सेएक्सीउेंट हो गया। अपने परिवार इकलौते कमाने वाले इस युवा का एक्सीडेंट होने पर लोगों ने आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के माध्यम से त्रषकेश अस्पताल पहुंचाया। जहां मरहम पट्टी करने के बाद उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। लेकिन वहांआईसीयू बेड की व्यवस्था न होने से उसे जौलीग्रांट लाया गया। लेकिन वहां भी उसे आईसीयू बेड नहीं होने की बात कहकर भर्ती नहीं किया गया। जीतेंद्र की बूढ़ी विधवा मां कोकिसी ने देहरादून केएक अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। मरता क्यान करता वालेस्थिति में मां उसे देहरादून के उस अस्पताल में ले आई। अस्पताल प्रबंधन के पास स्वयं का न तोपैथोलॉजी सेंटर था और न ही वहां न्यूरो सर्जन। ऐसे में उसे तत्काल इलाज नहीं मिल पाया।
इस बीच उसके कुछ रिश्तेदारों को जब पता चला तो उसेतत्काल सीएमआई में डाक्टर महेश कुडियाल के पास ले गए। इस बीचएक्सीडेंट हुएचौबीसघंटे से अधिक का समय बीत गयाथा। डाक्टर कुड़ियाल ने एडवांसफीस लिएबगैर तत्काल उसका ऑपरेशन कर दिया। उनका कहना है कि देर से उपचार मिलने से अभी खतराटला नहीं है।

अब डाक्टर कुड़ियाल अपनी ओर से हरसंभव कोशिश में जुटे है,लेकिन जीतेंद्र केपास इतने पैसेनहीं है कि व हइलाज का खर्च उठा सके। अस्पताल-दर-अस्पताल के चक्कर काटने से उसकी जमा पूजी खर्च हो गई। बीपीएल परिवार केइस युवा की मां ने अपनेबच्चे केजीवन बचाने के लिए भाई-बबंधुओं , रिश्तेदारों, तमामसामाजिक कार्यकर्ताओं एवं संगठनों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

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