उत्तराखंडराजनीति

मंत्री मंडल में हो सकता है फेर बदल, हाईकमान ने मांगी रिपोर्ट 

सार्थक प्रयास ने 19 सितम्बर के अंक में जताई थी बदलाव की संभावना

देहरादून। पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में होगा बड़ा बदलाव! BJP हाईकमान ने मंत्रियों की मांगी रिपोर्ट
सार्थक प्रयास ने 19 सितम्बर को मंत्री मंडल में बदलाव की संभावना को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी अब भाजपा आला कमान की ओर से मंत्रियों की रिपोर्ट मांगे जाने से सार्थक प्रयास की खबर की पुष्टि हुई है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट में बदलाव हो सकता है। सूत्रों की मानें तो धामी सरकार कुछ कैबिनेट मंत्रियों को ड्रॉप कर नए चेहरे को मौका दे सकती है। हाईकमान ने कैबिनेट मंत्रियों की रिपोर्ट मांगी है।
भाजपा हाईकमान ने सीएम धामी से कैबिनेट मंत्रियों की परफॉरमेंस की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। भाजपा हाईमान से मुलाकात के बाद सीएम धामी का कहना था कि कैबिनेट विस्तार या बदलाव पर फिलहाल कोई बात नहीं हुई।
राजनीतिक सूत्रों की बात मानें तो विधानसभा बैकडोर भर्तियों में एक कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधानसभा स्पीकर का जमकर नाम उछला है, जिससे भाजपा की काफी किरकिरी भी हुई है। जबकि, एक कैबिनेट मंत्री का स्वास्थ्य कारणों की वजह कुछ खास परफॉरमेंस नहीं दिखाई दे रहा है। मालूम हो कि सीएम धामी दिल्ली के दौरे पर हैं। पार्टी हाईकमान ने कैबिनेट मंत्रियों सहित भाजपा के विधायकों की रिपोर्ट मांगी है।
सूत्रों की बात मानें तो, विधानसभा बैकडोर भर्ती और उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग- यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले पर सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई पर भी सीएम धामी हाईकमान को अपडेट देंगे। पेपर लीक से जुड़े मामले मे एसटीएफ (STF) द्वारा अभी तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में स्पीकक ऋतु खंडूड़ी की ओर से जांच भी गठित की जा चुकी है। धामी सरकार अगर कैबिनेट मंत्रियों को ड्रॉप करती है तो फिर सीएम धामी के सामने गढ़वाल और कुमाऊं का संतुलन बनाते हुए खाली सीट को भरने का भी दबाव होगा।भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले सीएम धामी हाईमान की हामी के बाद कुछ एक्शन ले सकते हैं।
विधानसभा भर्ती में नेताओं के रिश्तेदार हटेंगे?
राजनीतिक सूत्रों की बात मानें तो विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में नेताओं के करीबी और रिश्तेदारों को हटाया जा सकता है। फिलहाल, जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार है। ऐसे में अब देखना यह दिलचस्प होगा कि रिपोर्ट के बाद सरकार बैकडोर भर्ती पर क्या कार्रवाई करेगी।

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