उत्तराखंड

टीएमयू के एफओई की 10 मई को होगी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग- एफओई के कंप्यूटर साइंस एवम् इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की हाईब्रिड मोड में मॉडर्न ट्रेंड्स इन कंप्यूटर्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स पर हो रही इस कॉन्फ्रेंस में जापान के डॉ. हुआन बी और सर्बिया के डॉ. इवो मार्कोविक सरीखे अंतर्राष्ट्रीय वक्ता जुड़ेंगे वर्चुअली, 52 अंतर्राष्ट्रीय और 25 राष्ट्रीय वक्ता भी विचार करेंगे साझा

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग-एफओई के कंप्यूटर साइंस एवम् इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की ओर से इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का 10 मई को ऑडिटोरियम में शंखनाद होगा। हाईब्रिड मोड में मॉडर्न ट्रेंड्स इन कंप्यूटर्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स पर आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में केन्द्र सरकार के एनसीए-टी दूरसंचार विभाग के उप महानिदेशक श्री राजेश गुप्ता बतौर मुख्य अतिथि होंगे, जबकि आईआईटी, रुड़की के एमेरिटस फेलो एवम् यूटीयू के पूर्व कुलपति डॉ. पीके गर्ग बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करेंगे। जापान के डॉ. हुआन बी और सर्बिया के डॉ. इवो मार्कोविक सरीखे अंतर्राष्ट्रीय वक्ता वर्चुअली कॉन्फ्रेंस में जुड़ेंगे। साथ ही 52 अंतर्राष्ट्रीय और 25 राष्ट्रीय वक्ता भी कॉन्फ्रेंस में अपने विचार साझा करेंगे। इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो. आरके द्विवेदी कहते हैं, आईसीएमसीई- 2025 टीएमयू के शोध और नवाचार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह इटरनेशनल कॉन्फ्रेंस विशेषज्ञों और युवा शोधकर्ताओं को वैश्विक रुझानों से जुड़ने और सार्थक शैक्षणिक संवाद में भाग लेने का सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।

कॉन्फ्रेंस में इंटरडिसिप्लिनरी शोध को बढ़ावा देने के संग-संग आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस-एआई, मशीन लर्निंग-एमएल, इंटरनेट ऑफ थिंग्स- आईओटी, एम्बेडेड सिस्टम्स, रोबोटिक्स, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग, सस्टेनेबल इलेक्ट्रॉनिक्स, एजुकेशन 4.0 की बढ़ती प्रासंगिकता और शैक्षणिक एंड औद्योगिक क्षेत्रों में स्मार्ट तकनीकों के समावेश पर भी चर्चा की जाएगी। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की संयोजिकाओं डॉ. अल्का वर्मा और डॉ. गुलिस्ता खान ने बताया, कॉन्फ्रेंस में सर्बिया, यूएस, जापान, चीन, मलेशिया आदि के 41 शोध-पत्र, जबकि 93 भारतीय शोध-पत्रों में से उत्कृष्ट शोध पत्रों को आईएसबीएन रजिस्टर्ड पुस्तक अध्यायों और स्कोप्स-सूचीबद्ध जर्नल्स में प्रकाशित किया जाएगा। कॉन्फ्रेंस के सह-संयोजक श्री प्रशांत कुमार कहते हैं, देश-विदेश के शोधकर्ताओं की बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि आईसीएमसीई- 2025 जैसे मंच उभरते शोध और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। श्री कुमार का मनाना है, इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का मकसद कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्रों में नवीनतम शोध, नवाचारों और भविष्य की दिशा पर गहन चर्चा के लिए बड़ा मंच प्रदान करना है।

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