उत्तराखंड

गौतम ऋषि की तपस्थली गंगभेवा बावड़ी को पर्यटन मानचित्र पर लायेंगे: महाराज

देहरादून: जनपद के विकासनगर (पछुवादून) स्थित पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के प्राचीन गौतम ऋषि की तपस्थली महादेव गंगभेवा बावड़ी स्थल का विकास करने के साथ-साथ इसे पर्यटन मानचित्र पर अंकित किया जाएगा।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने रविवार को जनपद जनपद के विकासनगर (पछुवादून) स्थित पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के प्राचीन गौतम ऋषि की तपस्थली महादेव गंगभेवा बावड़ी में पूजा अर्चना करने के बाद पूरे परिसर का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि विकासनगर के पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए और यहां के छिपे हुए पौराणिक धार्मिक स्थलों का विकास करने के अलावा उन्हें पर्यटन मानचित्र पर लाया जाएगा।

पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री श्री महाराज ने कहा कि पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण और वेद, पुराणों में वर्णित अहिल्या माता और गौतम ऋषि की तपस्थली महादेव गंगभेवा बावड़ी जहां मां गंगा माता साक्षात प्रकट हुई थी। बहुत ही पवित्र एवं महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए हम इसका विकास कर इसे पर्यटन मानचित्र पर लयेंगे ताकि श्रद्धालु यमुना के क्षेत्र में गंगा का दर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि पछुवादून क्षेत्र का प्राचीन काल से ही बड़ा महत्व रहा है। यहां पर कई सूर्य और चंद्रवशी राजाओं ने बड़े-बड़े यज्ञ किए। प्रसिद्ध ऋषि-मुनियों के आश्रम भी यहां पर मौजूद थे। जिनके प्रमाण आज भी देखने को मिलते हैं। इन्हीं में से एक है गौतम ऋषि की तपस्थली महादेव गंगभेवा बावड़ी मंदिर।

इस अवसर पर गंगभेवा बावड़ी मंदिर समिति के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह चौहान, उपाध्यक्ष दीपक नौटियाल, पुरुषोत्तम धीमान, अनुराग ठाकुर, आशीष शर्मा, नरेश बहुगुणा, यश कश्यप, मनोज शर्मा, नितिन अग्रवाल, जयपाल सिंह चौहान, सुधीर चौहान, संतोष और श्रीमती नीरू देवी आदि उपस्थित थे।

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