उत्तराखंड

सीमांत जीवंत गांव (वायब्रेंट विलेज) के लिए मौन पालन एवं बागवानी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

सीमांत जीवंत गांव (वायब्रेंट विलेज) के लिए मौन पालन एवं बागवानी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ असिस्टेंट कमांडेंट 35 वीं वाहिनी , भा ति सी पु बल महिडांडा, उत्तरकाशी तथा मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ डी के तिवारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला प्रारंभ से पूर्व सृष्टि सामाजिक संस्थान के मुख्य प्रशिक्षक दिनेश भट्ट ने माल्यार्पण और पुष्पगुच्छ से अतिथियों का स्वागत किया । मुख्य उद्यान अधिकारी ने प्रशिक्षणार्थियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से समझाया और मौन वंशों की मानव जीवन में उपयोगिता पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग आपके साथ हर समय तत्परता के साथ खड़ा है। भा ति सी पु बल हमारी सीमाओं की रक्षा के साथ साथ आपकी आजीविका के संवर्धन के लिए भी कार्य कर रही हैं , आप लोग पूरे मनोयोग से इसको धरातल पर उतरेंगे हमारी आपसे यही अपेक्षा है उन्होंने सेनानी , 35 वीं वाहिनी भा ति सी पु बल महिडंडा का कार्यशाला आयोजन करने और उपस्थित कृषकों का कार्यशाला में भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया। असिस्टेंट कमांडेंट 35 वीं वाहिनी , भा ति सी पु बल महिडांडा, उत्तरकाशी ने अपने संबोधन में उद्यान विभाग का आभार व्यक्त करते हुए उपस्थित कृषकों का स्वागत किया । उन्होंने कहा कि सीमांत गांव हमारी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।भारत सरकार हमारे और अन्य फोर्सों के माध्यम से इन गांवों में आजीविका संवर्धन का कार्य कर रही है आप इन योजनाओं का भरपूर लाभ ले कर अपने और देश की सेवा कर सकते हैं। सहायक उद्यान अधिकारी टी एस पुंडीर ने बागवानी के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए समय समय पर फल एवं सब्जी फसलों के कीट प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान की। आयोजकों ने बताया कि मौन पालन का प्रशिक्षण सीमांत जीवंत गांव (वायब्रेंट विलेज) के मुखबा व धराली के 12 , 12 कुल 24 कृषकों को दी जा रही है ऐसे ही बगोरी ग्राम के किसानों को भी बागवानी का प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

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