उत्तराखंडराजनीति

लूटने वालों को अभय दान सवाल उठाने वाले को मिली सजा

तानाशाह होता है सबसे ज्यादा डरपोक
वह डरता है सवाल उठाने वाले से
यही वजह है कि वह सवाल उठने से पहले सवाल पूछने वाले को ही ढेर कर देता है।
यही स्थिति इन दिनों देखने को मिल रही है जब सवाल पूछने वाले पर सजा तय हो रही है और जिन पर सवाल है वह फरार है।

ऐसा ही कुछ हुआ है राहुल गांधी के साथ

 

क्या यह संयोग है कि जिस दिन मेहुल चोकसी का इंटरपोल नोटिस वापस करके उसे अभयदान दिया गया, उसी के अगले दिन चोर को चोर कहने के लिए राहुल गांधी को सजा सुना दी गई?

कितना मजेदार है कि देश लूटकर भागा नीरव मोदी मजे में है, ललित मोदी मजे में है, मेहुल भाई को अभयदान मिल गया, लेकिन चोर को चोर बोल देने के लिए राहुल गांधी को सजा हो गई? विजय माल्या, संदेसरा और जाने कितने देश लूटकर भाग गए, सजा मिली राहुल गांधी को।

38 शेल कंपनियां बनाकर लाखों करोड़ की लूट करने वाले अडानी का घोटाला संसद में न उठे, इसके लिए दो हफ्ते से संसद बंधक बनी हुई है। अडानी की फर्म में निवेश करने वाली मॉरिशस की शेल कंपनी इलारा रक्षा मंत्रालय तक घुसी हुई है। इसी सरकार के कार्यकाल में इतिहास का सबसे बड़ा बैंक घोटाला हुआ। इसी सरकार में कई बैंक डूबे, इसी सरकार में लाखों छोटे उद्योग चौपट हो गए। इसी सरकार में अडानी ने सरकारी सहयोग से अकूत संपत्ति बनाई। उनकी संपत्ति 40 हजार करोड़ से बढ़कर 12 लाख करोड़ पहुंच गई। किसी चोर, लुटेरे, भ्रष्टाचारी पर आंच नहीं आई।

राहुल गांधी का बयान सुनिए तो वो तीन नाम गिनाकर कहते हैं कि इन सब चोरों का नाम एक जैसा क्यों है? उन्होंने यह तो नहीं कहा था कि फलां जाति के सारे लोग चोर हैं। फिर यह मानहानि का मामला कैसे हुआ?

दूसरे, मानहानि में अधिकतम सजा दो साल की है। 99 फीसदी मामलों में कोई सजा नहीं होती। सजा हुई भी तो प्रतीकात्मक होती है। जज साहब ने अधिकतम सजा ठोक दी।

इससे यह संदेह पैदा हुआ है कि भाजपा राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कराने का जो अभियान चला रही थी, उसमे वो इस हद तक गिर जाएंगे। भाजपा भ्रष्टाचार के साथ मजबूती से खड़ी है, अडानी, माल्या, नीरव, चोकसी के साथ मजबूती से खड़ी है, लेकिन भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने और विपक्ष की सक्रिय भूमिका निभाने के लिए राहुल गांधी को निपटाया जा रहा है। क्या अब भी आपको लगता है कि इस देश में लोकतंत्र नाममात्र का भी बचा है?

यह न्यू इंडिया है। चोर मजे में होंगे, लेकिन सवाल उठने वाले जेल जाएंगे। राहुल गांधी ने अदालत में माफी नहीं मांगकर सजा कबूल की। मुझे लगता है कि उन्हें ये पूरा मसला पुरजोर तरीके से जनता के सामने रखना चाहिए और जेल चले जाना चाहिए। इस देश की जनता को भी पता चले कि यह देश अब सच बोलने वालों के लिए जेलखाना है और चोरों-लुटेरों की सैरगाह है।

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