उत्तराखंडराजनीति

घनसाली में अम्बेडकर जयंती धूम धाम से मनाई गयी

विचार गोष्ठी में पर्यावरण मित्रों के नियमितिकरण का प्रस्ताव पारित किया गया

लोकेन्द्र जोशी

 घनसाली। 14 अप्रैल बैशाखी की बड़ी धूम धाम के बीच में घनसाली नगर पंचायत के अंतर्गत अंबेडकर जन विकास समिति के तत्वावधान में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की 132 वीं जन्यंती धूम धाम से मनाई गयी।

विकास खण्ड भिलंगना घनसाली के प्रांगण में बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती के अवसर पर समाज से जुड़े शिक्षकों, कर्मचारियों, ब्यापारी गण अधिवक्ताओं, पत्रकारों पूर्व सैनिक संगठनों,एवं समाज से जुड़े कई राजनैतिक सामाजिक ब्यक्तियों ने, बाबा साहब को स्मरण कर उनकी आदम कद प्रतिमा में फूल मालाएं पहना कर उन्हे नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

132 जयन्ती के अवसर पर बाबा साहब अम्बेडकर याद किया गया। ब्लॉक मुख्यालय प्रांगण में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में वक्ताओं ने बाबा साहब के ब्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से अपने अपने विचार ब्यक्त किए वक्ताओं नेकहा की समाज में समानता के लिए आजीवन संघर्षरत रहे बाबा साहब अम्बेडकर किसी एक ब्यक्ति और जाती की उत्थान की बात नहीं की समाज में दलित वंचित एवं शोषितों के एवं खास कर महिलाओं के उत्थान के हितैषी रहे।

अम्बेडकर जी विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ एवं समाजसुधारक के रूप में लोकप्रिय हुये। उनके द्वारा श्रमिकों, किसानों एवं महिलाओं के अधिकारों उत्थान की बात कही। स्वतंत्रा सेनानियों के अग्रणी पंक्तियों रह के आजादी के संघर्ष में रहे तथा वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री थे। उन्हें भारतीय सविधान के जनक के रूप में भी याद किया जाता है। जो समाज को सामाजिक,आर्थिक राजनैतिक समानता के पक्षधर थे, और इसके लिए शिक्षा ग्रहण करना बड़ा हथियार मानते थे। जिसके लिए वे आजीवन संघर्षरत रहे।

वक्ताओं ने कहा डॉ0 अम्बेडकर जी ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेटर की उपाधि प्राप्त की थी। डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी को भारत सरकार द्वारा 1990 में भारत के सर्वोच्य नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित । वे कई भाषाओं के ज्ञाता थे।

विचार गोष्ठी में पर्यावरण मित्रों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए प्रस्ताव पारित करते हुए मांग की गयी कि सरकार पर्यावरण मित्रों को राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए उन्हे नियमित करे।

विचार गोष्ठी में शंकर पाल सिंह सजवान डॉक्टर नरेंद्र डंगवाल जी लोकेन्द्र जोशी, प्रेम लाल त्रिकोटिया,अनिल चौहान विशन सिंह कंडारी,ओमप्रकाश भुजवाँ,दिनेश भजनीयाल, देव लाल त्रिपाठी, विनोद लाल शाह,जीत सिंह शाह, बॉबी प्रकाश श्रीवाल, महावीर श्रीवाल, महावीर धनियाल ,प्रदीप कुमार आर्य जगदीश आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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