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एम्स ऋषिकेश में युवाओं को दी गई व्यक्तित्व विकास संबंधी प्रशिक्षण

ऋषिकेश , एम्स ऋषिकेश के काॅलेज ऑफ नर्सिंग में यूथ20 श्रंखला के तहत आयोजित कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को टीम वर्क और आत्मविश्वास से कार्य करने के प्रति प्रेरित किया गया। इस दौरान सोशल डेपलपमेंट फाॅर कम्युनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने उत्तराखंड में जलवायु संकट के समाधान के लिए सामुहिक स्तर पर सोच विकसित करने पर जोर दिया।

यूथ-20 इवेंट के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में एम्स ऋषिकेश के काॅलेज ऑफ नर्सिंग में ’हम साथ-साथ हैं ’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। नर्सिंग छात्र-छात्राओं में मेडिकल प्रोफेशन और टीम वर्क से कार्य करने की क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में कहा गया कि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सकारात्मक भाव रखने से हमारी स्किल्स डेवलप होती है। इस अवसर पर कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने मेडिकल के क्षेत्र में सूचना और संचार के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह दौर सूचना क्रांति का दौर है और चिकित्सीय क्षेत्र में संचार नेटवर्क का विशेष योगदान है। हमें चाहिए कि हम संचार के साधनों का उपयोग कर चिकित्सीय क्षेत्र में इस सुविधा का व्यापक लाभ उठाएं।

युवाओं के लिए आयोजित इस कार्यशाला को सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन के संस्थापक, विषय विशेषज्ञ, सोशियल लीडर और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनूप नौटियाल ने विशेषतौर से संबोधित किया। उन्होंने उत्तराखंड में जलवायु संकट एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य विषय पर युवाओं का मार्गदर्शन किया और बताया कि किस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यवहार और रहन सहन में बदलाव लाकर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपट सकता है। उन्होंने चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी के जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र में स्थित रेणी गांव में आई आपदा के लिए भी जलवायु परिवर्तन का कारक बताया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन पर चर्चा करते हुए उन्होंने वैश्विक स्तर पर जी 20 की अध्यक्षता कर रहे भारत की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तृत जानकारी साझा की। साथ ही भारत सरकार के डीम प्रोेजेक्ट मिशन लाईफ के बारे में भी विस्तार से बताया। इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड के लिए क्लाइमेट लीडरशिप की वकालत करते हुए पांच प्रमुख बिंदुओं पर युवाओं के साथ एक रोडमैप भी साझा किया। उन्होंने सतत विकास, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण स्वास्थ्य, प्राकृतिक आपदा जैसे समकालीन ज्वलंतशील मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर नर्सिंग छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया।

इससे पूर्व एम्स ऋषिकेश के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि हमें जीवन में प्रत्येक क्षण और प्रत्येक अवसरों का आनंद लेना चाहिए। नर्सिंग स्टूडेंट्स से उन्होंने आह्वान किया कि केवल बेहतर शिक्षा प्राप्त करना ही हमारा लक्ष्य नहीं होना चाहिए। बेहतर शिक्षा के साथ-साथ हमें अपने कार्य में दक्षता प्राप्त करने के लिए भी व्यापक अनुभव हासिल करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम दैनिक तौर पर अपनी स्किल्स विकसित करें। उन्होंने कहा कि जीवन में यदि हमारा एटीट्यूड सही नहीं है तो इसके विपरीत परिणाम सामने आते हैं। इसलिए जरूरी है कि सफलता हासिल करने के लिए हमें अपना एटीट्यूड भी सही रखना होगा। तभी हम कुशल अनुभवी कहलाएंगे।

कार्यक्रम के दौरान आइसबेरेकिंग, मेडिकल ह्यूमैनिटी, टीम वर्क, कम्युनिकेशन कौशल, प्रबंधन, लीडरशिप और मैनेजमेंट आदि विषयों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन भी किया गया।

कार्यशाला को डीन एकेडेमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। इस दौरान काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, डाॅ. वन्दना धींगरा, डाॅ.रोहित गुप्ता, डाॅ.गीता नेगी, डॉक्टर नीती गुप्ता, डाॅ. मृदुल धर, डाॅ. मनीषा बिष्ट,डॉक्टर राकेश शर्मा, डाॅ. प्रसूना जैली, डाॅ. दलजीत कौर, डाॅ. मीनाक्षी खापरे, डाॅ. रूपेन्द्र देओल, श्रीमती रूचिका रानी, दिनेश सेमवाल आदि मौजूद रहे।

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