उत्तराखंडस्वास्थ्य

एम्स ऋषिकेश में साक्ष्य संश्लेषण को समझने और इसको पढ़ाने के तौर-तरीकों पर विशेष चर्चा की गयी

एम्स ऋषिकेश में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान साक्ष्य संश्लेषण को समझने और इसको पढ़ाने के तौर-तरीकों पर विशेष चर्चा की गयी। इस दौरान कहा गया कि साक्ष्य आधारित चिकित्सा में साक्ष्य संश्लेषण की विशेष भूमिका है जिसे सभी चिकित्सकों को अपनाने की आवश्यकता है।

एम्स के साक्ष्य संश्लेषण विभाग के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य साक्ष्य आधारित चिकित्सा (ईबीएम) और साक्ष्य संश्लेषण को पढ़ाने तथा इसके सिद्धांतों को व्यवहारिक कौशल से सशक्त बनाना है। उन्होंने संकाय सदस्यों के लिए इस कार्यशाला को बहुलाभकारी बताया।

कार्यशाला का पहला दिन साक्ष्य आधारित चिकित्सा की नींव, प्रमुख शिक्षण पद्धतियों, शैक्षिक सत्रों की योजना बनाने और व्यवस्थित समीक्षाओं के मूल्यांकन पर केंद्रित रहा। पहले दिन एम्स मोहाली की डाॅ0 मानवी सिंह, ग्लासगो यूनिवर्सिटी यूके के डाॅ0 निशांत जयसवाल और एम्स ऋषिकेश के डाॅ0 विवेक सिंह मलिक ने कार्यशाला के विभिन्न सत्रों को संबोधित किया।

जबकि दूसरे दिन साक्ष्य आधारित चिकित्सा का अनुप्रयोग, साक्ष्य संश्लेषण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) के एकीकरण, रेंन्डोमाईज्ड कन्ट्रोल्ड ट्राईल्स (आरसीटी) और नैदानिक परीक्षण सटीकता (डीटीए) अध्ययनों के मूल्यांकन, और बी.एम.जे बेस्ट प्रैक्टिस जैसे उपकरणों के माध्यम से साक्ष्य के कार्यान्वयन जैसे विषयों को कार्यशाला में शामिल किया गया।

दूसरे दिन के प्रमुख वक्ताओं में एम्स ऋषिकेश के डॉ. प्रतीक कुमार पांडा, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के डाॅ0 अनिल चौहान और बीएमजे ग्रुप यूके के डाॅ0 कीरन वाॅल्श आदि शामिल थे।

कार्यशाला के आयोजन सचिव व संस्थान के वरिष्ठ पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी संदीप कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्यशाला विशेष तौर से संस्थान के संकाय सदस्यों के लिए आयोजित की गयी थी।

उन्होंने बताया कि विभिन्न सत्रों में इंटरैक्टिव लघु-समूह कार्य, आलोचनात्मक मूल्यांकन अभ्यास और सूक्ष्म-शिक्षण अभ्यास आदि विषय शामिल थे। इस अवसर पर प्रो. संजीव कुमार मित्तल, प्रो. सोमप्रकाश बसु, प्रो. श्रीपर्णा बसु, प्रो. आशी चुग, प्रो. बलराम, एसोशिएट प्रो. डॉ पूनम सिंह, डॉ0 भावना गुप्ता, डॉ0 इंतजार के अलावा विभिन्न विभागों के फेकल्टी सदस्य मौजूद रहे।

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