उत्तराखंड

पीजी कालेज कर्णप्रयाग में ली गयी हिमालय संरक्षण की शपथ

डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग चमोली में हिमालय दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) राम अवतार सिंह ने महाविद्यालय के प्राध्यापकों कर्मचारियों और छात्र एवं छात्राओं को हिमालय संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि हिमालय केवल पर्वत श्रृंखला नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, आस्था और जीवन का आधार है।

यहां से निकलने वाली प्राणदायिनी नदियां ,वन्य जीव,वृक्ष- वनस्पतियां और दुर्लभ जड़ी – बूटियां हमारे जीवन और सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अमूल्य धरोहर है।इन सबकी सुरक्षा हम सबका कर्तव्य और दायित्व है। हमें स्वयं भी जागरूक होना है और अपने चारों ओर के लोगों को भी पर्यावरण में होने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में जागरूक करना है।कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. आर. सी. भट्ट ने बताया कि इस वर्ष हिमालय दिवस की आधिकारिक थीम घोषित नहीं की गयी है, लेकिन उत्तराखंड में इस वर्ष “हिमालय की आपदाएं” के तहत कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदाएं जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित हैं।आज हिमालय क्षेत्र में आ रही प्राकृतिक आपदाओं के पीछे जो तर्क दिए जा रहे हैं, हमें उन्हें समझना होगा और हिमालय पारिस्थितिकी तंत्र के अनुरूप अपने कार्यक्रमों को आगे बढाना होगा। कार्यक्रम में डॉ.अखिलेश कुकरेती,डॉ. एम.एस. कंडारी, डॉ.बी.सी.एस. नेगी,डॉ. राधा रावत,डॉ. चन्द्रावती टम्टा,डॉ. कविता पाठक,डॉ. इन्द्रेश कुमार पाण्डेय,डॉ. रूपेश कुमार श्रीवास्तव, कमलेश चन्द्र लोहनी,डॉ.एच.सी. रतूड़ी, डॉ. रविन्द्र कुमार, डॉ. एम. एल. शर्मा,डॉ. भरत लाल बैंरवाण,डॉ. कीर्तिराम डंगवाल डॉ. हरीश बहुगुणा,डॉ. दिशा शर्मा सहित समस्त प्राध्यापक कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने हिमालय संरक्षण की शपथ ली।

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