गढ़वाली के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए संघर्ष का आह्वान

अल्मोड़ा। पेशावर कांड व वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को याद करते हुए आप उपपा कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें गढ़वाली जी की अवधारणा के अनुरूप राज्य बनाने के लिए जनता से संघर्ष करने का आह्वान किया गया। इस मौक़े पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में राज करने वाली सरकारें गढ़वाली जी के नाम का प्रचार तो करती हैं पर उनके विचारों का उत्तराखंड बनाने की कोशिश नहीं करती हैं।
उपपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने गढ़वाली जी की विचार यात्रा व संघर्षों को याद करते हुए कहा कि वे एक सच्चे, संवेदनशील व निडर इंसान थे, जिन्होंने अपने एक वाक्य “गढ़वाली सीज़ फायर” से ब्रिटिश सरकार की नींव हिला दी थीं, जिसके लिए चंद्र सिंह गढ़वाली व उनके साथियों को ब्रिटिश सरकार के क्रूर दमन सहने व वर्षों जेल में रहने को मजबूर किया गया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार, संस्कृतिकर्मी नवीन बिष्ट ने कहा कि यह उत्तराखंड का दुर्भाग्य है कि गढ़वाली जी जैसे अद्भुत योद्धा को जीते जी वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हक़दार थे।
एड. जीवन चंद्र (जे.सी.) ने कहा कि गढ़वाली जी ने जीवन पर्यंत समाज के मेहनतकश, उत्पीड़ित समुदाय के हितों के लिए संघर्ष किया।
वक्ताओं ने कहा कि यह उत्तराखंड व देश का दुर्भाग्य है कि आज मंहगाई, बेरोज़गारी, लगातार बढ़ती आर्थिक, सामाजिक विषमता पर पर्दा डालने के लिए देश में सुनियोजित रूप से सांप्रदायिक उन्माद का वातावरण बनाया जा रहा है।
संगोष्ठी में भगवती गुसाईं, ममता जोशी, विनीता, भावना पांडे, एड. वर्तिका रौतेला, राजू गिरी, किरन आर्या, एड. भारती, सुनीता भट्ट समेत अन्य लोग शामिल रहे।