उत्तराखंड

उद्यान घोटाले में प्रदेश की एसआईटी जांच कर रही थी, उसकी जांच से मा.उच्च न्यायालय संतुष्ट नहीं: शांति प्रसाद

शान्ति प्रसाद भट्ट, प्रवक्ता/महामंत्री उतराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल ने उतराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले में CBI जांच के आदेश पारित करने से यह सिद्ध हो चुका है, कि बहुत समय से जिस उद्यान घोटाले में प्रदेश की एसआईटी जांच कर रही थी, उसकी जांच से मा.उच्च न्यायालय संतुष्ट नहीं होने के कारण मा.उच्च न्यायालय ने मामला CBI को रैफर कर दिया है।

हाई कोर्ट के आदेश में रानीखेत से भाजपा विधायक और उनके भाई के नाम का भी उल्लेख है, कि उन्होंने अपने कथित बगीचे में फर्जी पेड़ लगाने का प्रमाण पत्र निर्गत कराने से सिद्ध होता है, कि इस घोटाले में केवल निदेशक ही नही बल्कि कई सफेद पोश नेता और ब्यूरोक्रेट की संलिप्तता प्रतीत होती है।

केवल एक जिले उत्तरकाशी में ही 600 करोड़ का घोटाला हुआ है, जब एक फर्जी नर्सरी “अनिका ट्रेडर्स एवम पौधशाला” जिसके पास कोई भूमि ही नही है, उसे काम दे दिया।
एक ही दिन में जम्मू कश्मीर से पौधे खरीदने और भुगतान आदि की भारी अनियमितता हुई है।

उधान विभाग की विभिन्न प्रकार की योजनाओं जिनमे ड्रिप सिस्टम, मिशन योजना, पॉली हाउस जिनमे अलग अलग प्रकार के पॉलीहाउस जिनमे स्वाभाविक रूप से हवादार पॉली हाउस , मल्टी स्पेस पॉली हाउस, फैन एंड बैड पॉलीहाउस, सहित इनमे 30से 35किस्म की पौध लगाने सहित पेड़ों का आवंटन,घेरबाड़, तारबाड़, ड्रिप सिस्टम आदि है, और इसमें उत्तराखंड फल एवम पौधशाला (विनिमय) कानून 2019 की धज्जियां उड़ाई गई,लाभार्थी चयन योजना सहित विभिन्न प्रकार की योजनाओं में लाखो रुपए केवल एक विशेष पार्टी कार्यकर्ताओं/नेताओ/विचारधारा वालो में बंदर बांट की गई है। उद्यान सचल दल केंद्रों के माध्यम से प्रत्येक जिले में करोड़ों रुपयों के घोटाले की आशका जांच एजेंसी को है। न खायेंगे न खाने देंगे का नारा देने वालो ने उतराखंड के पेड़पौधे ही खाने का काम किया है।

उद्यान मंत्री को तत्काल इस्तिफा देना चाहिए। और CBI को यथा शीघ्र मा. उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सख्ती से जांच करनी चाहिए।

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