
शीशपाल गुसाईं
पिछले महीनों हम एक शादी में मिले थे वहां मौजूद इंजीनियर अभिषेक भंडारी को मैंने डॉक्टर महेश कुड़ियाल जी से मिलवाया था। तो डॉक्टर साहब ने इंजीनियर भंडारी से प्रभावित होकर कहा कि मैं भी अमेरिका में डॉक्टर रहा हूं। इंजीनियर भंडारी 6 साल पहले अमेरिका छोड़कर अपने गांव कीर्तिनगर बडियारगढ़ पट्टी में परम्परागत खेती / फलों की खेती करने के लिए आ गए हैं। लेकिन डॉक्टर कुड़ियाल 30 साल पहले अमेरिका को छोड़कर अपनी जन्मस्थली उत्तराखंड सेवा करने आ गए थे। यह तब की बात है जब उत्तराखंड क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई भी न्यूरो सर्जन नहीं था देहरादून के लिए सौभाग्य की बात थी उन्हें पहला न्यूरो सर्जन डॉक्टर कुड़ियाल के रूप में मिला। दरअसल इस तरह के काबिल डॉक्टर एक बार अमेरिका गएतो वापस नहीं आते हैं। लेकिन डॉक्टर कुड़ियाल यदि यहाँ न आते तो 50 हज़ार से ज्यादा लोगों को सिर की चोट से ठीक कौन करता।
एक दिन 2009 में मैंने उनके निजी हॉस्पिटल में बाहर से भारी भीड़ देखी थीं, लोग उदास थे, और अंदर सिर की चोट से घायल विधायक के स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। विधायक ने 7 साल पहले डॉक्टर साहब के सगे भाई कर्नल साहब को विधायकी के चुनाव में हराया था। डॉक्टर कुड़ियाल ने घायल विधायक को 1 से 2 माह में ठीक कर दिया और वह 2017 में पुनः विधायक बन गए। यह तो एक उदाहरण है ऐसे उदाहरण अनेकों हैं। व्यक्ति ऐसे ही बड़ा नहीं बनता है। उसके जीवन में एक- एक निस्वार्थ भाव जुड़ते हैं तभी वह महान कहलाता है।
1 दिन पत्रकार मित्र मीरा रावत जी से बात हो रही थी, डॉक्टर कुड़ियाल का जिक्र आया तो उन्होंने कहा कि वह मेरे परिवार के लिए भगवान हैं। मैंने कहा कैसे ? उन्होंने कहा एक दिन मेरा बेटा रात में कोचिंग सेंटर से आते बाइक से सड़क में घायल हो गया था। मैं और मेरे पति विधायक श्री गणेश जोशी जी के फोन की मदद लेकर आधी रात को डॉक्टर कुड़ियाल के पास अपने बेटे को ले गई और मेरा बेटा कुछ दिनों में सिर की चोट से जीवन में लौट आया। वह बेटा आज बैंक ऑफ बड़ौदा प्रयागराज में मैनेजर है। डॉक्टर कुड़ियाल वास्तव में एक अच्छे इंसान के साथ साथ व्यवहार कुशल भी हैं।
आपके स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।