उत्तराखंड

कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका एवं कला स्रोत कला वीथिका द्वारा आयोजित

आज अंतर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस है। यह 25 अक्टूबर 2004 को कनाडा से शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य था आज के दिन कलाकारों को सम्मान दिया जाना। यह हम सब का सौभाग्य है कि कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका और कला स्रोत कला वीथिका ने आज का दिन कलाकारों को सम्मान देने के लिए चुना है। दीपावली आ रही है हम सब दीपावली के स्वागत को उद्यत हैं। इसी दृष्टि से ढिबरी कला प्रदर्शनी आयोजित गई है।

प्रदर्शनी में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए 41 कलाकारों ने विविध विषयों पर अपनी कलाकृतियों प्रदर्शित की हैं जिसमें सबका उद्देश्य कला के माध्यम से अपने अनुभव और ज्ञान का रचनात्मक विस्तार है। यहां विभिन्न रंगों और आकारों से बने हुए संयोजनों से ध्वनित होते संगीतमय वातावरण में प्रदर्शनी का उद्घाटन करती हुई शांत्वना तिवारी, संयुक्त शिक्षानिदेशक माध्यमिक शिक्षा ने कहा कि कलाकार सम्मान का पात्र होता है और समाज से सम्मान पाने के बाद उसकी रचनात्मकता और भी समृद्ध होती है। उसकी कलाकृतियों से सकारात्मक तरंगें प्रवाहित होती हैं।

प्रदर्शनी में सम्मिलित वरिष्ठ कलाकार एवं कलादीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्यकला पत्रिका के संपादक अवधेश मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश को एक कला आंदोलन की जरूरत थी जो कला दीर्घा पूरा कर रही है। कुछ महीनो में कला दीर्घा ने वरिष्ठ कलाकारों से युवा कलाकारों से युवा कलाकारों को जोड़ने हुए चौथी प्रदर्शनी कर रही है और यह यात्रा देश के प्रमुख कला केंद्रों सहित विश्व के बड़े महानगरों तक जाएगी। प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ लीना मिश्र ने कहा कि डॉक्यूमेंटेशन का बहुत महत्व होता है। गतिविधियां होती हैं और समाप्त हो जाती हैं, लोग भूल जाते हैं।

यदि उनका प्रलेखन हो जाए तो वे उस समय के परिवेश में झांकने का गवाक्ष बन जाती हैं। प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ लीना मिश्र और कला स्रोत कला वीथिका की निदेशक मानसी डीडवानिया ने मुख्य अतिथि शांत्वना तिवारी को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, पौधा और प्रदर्शनी पुस्तिका देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि शांत्वना तिवारी ने समस्त प्रतिभागी कलाकारों को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और प्रदर्शनी पुस्तिका देकर सम्मानित किया।

प्रदर्शनी की समन्वयक डॉ अनीता वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और दूसरे समन्वय सुमित कुमार ने पौधा देकर क्यूरेटर डॉ लीना मिश्र को उनके कला प्रोत्साहन की दृष्टि से सम्मानित किया और कला स्रोत की निदेशक मानसी डिडवानिया के कला संरक्षण और प्रोत्साहन को देखते हुए डॉ लीना मिश्र ने सम्मानित किया। कला स्रोत की निदेशक मानसी डीडवानिया ने अतिथियों का धन्यवाद दिया और बताया कि यह प्रदर्शनी दर्शकों के अवलोकनार्थ 26 से 30 अक्टूबर तक 2:00 बजे अपराह्न से 7:00 बजे सायं तक खुली रहेगी और दीपावली के दृष्टिगत कलाकृतियों की कीमत कम रखी गई है ताकि यह कलाकृतियां कला प्रेमियों की दीवारों की शोभा बन सके।

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