देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद कॉलेज एसोशियेशन के अध्यक्ष डा० अश्वनी कांबोज तथा हिमालयीय आयुर्वेद कॉलेज के सचिव बाल कृष्ण चमोली ने बीएएमएस की कॉउंसलिंग जल्द कराने को लेकर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी तथा कुलसचिव रामजी शरण से भेंट कर ज्ञापन दिया।
डॉ. अश्वनी कांबोज और सचिव बालकृष्ण चमोली ने अवगत कराया कि भारतीय चिकित्सा पद्धति (NCISM) की ओर से दिनांक 22.08.2024 को सत्र 2024-25 यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउन्सिलिंग का प्रथम चरण 06 से 18 सितम्बर, 2024 तक का समय निर्धारित किया गया है। प्रथम चरण में चयनित छात्रों का आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 18 सितम्बर, 2024 तय की गई है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा अभी तक प्रथम चरण की काउन्सिलिंग हेतु कोई समय सारणी निर्धारित नहीं की गई है, जबकि उक्त सम्पूर्ण काउन्सिलिंग प्रक्रिया को पूर्ण करने हेतु सिर्फ दस दिन बचे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि अधिकतर राज्यों में प्रथम चरण की काउन्सिलिंग प्रारम्भ हो चुकी है। उत्तराखण्ड राज्य के आयुष कॉलेजों में निकटवर्ती उत्तरी भारतीय राज्यों के छात्र ऑल इण्डिया कोटे के तहत प्रवेश पाने के इच्छुक रहते हैं, जिससे ऑल इण्डिया कोटे की सीटों की पूर्ति हो जाती है। उत्तराखण्ड राज्य की काउन्सिलिंग यदि समय से प्रारम्भ हो जाती है तो ऑल इण्डिया कोटे में उच्च मैरिट प्राप्त छात्र-छात्रायें आयुष संस्थाओं में प्रवेश प्राप्त कर पाते, लेकिन काउंसलिंग में देरी की वजह से छात्र इस मौके से चूक जाएंगे। साथ ही राज्य के आयुर्वेद कॉलेजों में अखिल भारतीय स्तर के कोटे की सीटें खाली रहने की संभावना बनी हुई है।
उन्होंने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव से भारतीय चिकित्सा पद्धति (NCISM) द्वारा निर्धारित प्रथम चरण काउन्सिलिंग समय सीमा को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय स्तर से सम्बद्ध आयुष कॉलेजों में यूजी छात्र-छात्राओं के प्रवेश और सीट आवंटन हेतु शीघ्रताशीघ्र काउन्सिलिंग प्रक्रिया प्रारम्भ करने की मांग की है। कुलपति और कुलसचिव ने उन्हें आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय जल्द ही काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करेगा।