उत्तराखंड

अंगदान करने से हम जरूरतमंद दूसरे व्यक्ति का जीवन बचा सकते हैं: डा. मीनू सिंह

अंगदान और अंग ट्रांसप्लांट के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कहा गया कि जीवन में अंगदान से बढ़कर कोई दूसरा दान नहीं है। इस दौरान ओपीडी एरिया में ’अंगदान संकल्प पदयात्रा’ भी निकाली गई।

एम्स ऋषिकेश के जनरल सर्जरी विभाग और काॅलेज ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जन-जागरूकता कार्यक्रम में अंगदान के महत्व पर प्रकाश डाला गया और मरीजों तथा उनके तीमारदारों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया गया। हाॅस्पिटल ब्लाॅक के ओपीडी एरिया में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डा.) मीनू सिंह ने कहा कि अंगदान करने से हम जरूरतमंद दूसरे व्यक्ति का जीवन बचा सकते हैं।

अंगदान में भागीदारी करना, दान और समाज सेवा का महान रूप है। उन्होंने कहा कि हमें चाहिए कि हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अंगदान के प्रति जागरूक करें। उन्होंने बताया कि एम्स शीघ्र ही लीवर ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसकी संस्तुति प्राप्त हो गयी है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अपने शरीर के लंग्स, हार्ट और पेन्क्रियाज सहित 8 प्रकार के विभिन्न अंगों को दान कर सकता है। प्रोफेसर (डा. )मीनू सिंह ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए जन-जागरूकता बढ़ाने की बात कही।

डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अंगदान के प्रति संकल्पित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अंगदान महादान है और अंगदान करके हम जरूतमंद व्यक्ति का जीवन बचा सकते हैं।

चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर.बी. कालिया ने अंगदान के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने की अपील की। कहा कि अंगदान के प्रति जागरूक होकर हम प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरित करते हुए इस अभियान को सफल बना सकते हैं।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए जनरल सर्जरी विभाग के एब्डोमिनल मल्टीऑर्गन ट्रांसप्लांट सर्जन डाॅ. कर्मवीर सिंह ने अंगदान को स्वैच्छिक विषय बताया और कहा कि किसी भी उम्र का व्यक्ति अंगदान कर सकता है। उन्होंने अंगदान करने की प्रक्रिया, इसका महत्व और इसकी आवश्यकता पर व्यापक प्रकाश डाला और कार्यक्रम में मौजूद लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया।

मेडिसिन गैस्ट्रोएंट्रोलाॅजी विभाग के डाॅ. रोहित गुप्ता और नेफ्रोलॉजी विभाग की डाॅ. शेरोन कंडारी ने भी अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बारे में जानकारियों दीं। इस दौरान काॅलेज ऑफ नर्सिंग की छात्राओं द्वारा अंगदान की महत्ता विषय पर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया।

नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि समाज में अंगदान से बढ़कर दूसरा कोई दान नहीं और प्रत्येक व्यक्ति को अंगदान करने वाले व्यक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों द्वारा अंगदान हेतु शपथ ली गई और नोटो (नेशनल ऑर्गन एण्ड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन) में पंजीकरण कराया गया। साथ ही ट्रांसप्लांट करा चुके कुछ लोगों द्वारा अपने अनुभव भी साझा किए गए।

कार्यक्रम में प्रोफेसर एंड हेड जनरल सर्जरी विभाग डाॅ. ओमप्रकाश बासु, डाॅ. अमित गुप्ता, डाॅ. फरहान हुदा, डाॅ. दीपक राजपूत, डाॅ. नवीन कुमार, डाॅ. सुधीर कुमार सिंह सहित अन्य विभागों से डाॅ. अंकुर मित्तल, डाॅ. अरूप कुमार मंडल, डाॅ. गीता नेगी, काॅलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य डाॅ. स्मृति अरोड़ा, डाॅ. राकेश शर्मा, चीफ नर्सिग ऑफिसर रीटा शर्मा सहित विभिन्न विभागों के नर्सिंग अधिकारी और सेवावीर आदि मौजूद रहे।

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