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चार धाम यात्रा की तैयारी जोरों शोरों पर

टिहरी , उत्तराखंड चार धाम यात्रा हेतु अभी से तैयारियां जोरों पर है,सरकार द्वारा जगह जगह यात्रा को सुगम करने व सुरक्षित यात्रा हेतु कार्य तेजी से करना प्रारम्भ कर दिया है,यात्रा से जुड़े होटलों,गाड़ियों आदि व्यवसाय से जुड़े लोगों को बुकिंग तेजी से बढ़ रही है जो कि हमारे देवभूमि उत्तराखंड के लिए सुखद संकेत हैं, कोरोना महामारी के बाद विगत वर्ष अच्छी यात्रा चली और इस साल तमाम रिकॉर्ड टूटने की पूरी संभावनाएं है।इस बीच एक खबर आई कि गंगोत्री से केदार नाथ जाने हेतु उत्तरकाशी जिले के धौंत्री से वाया कमद, आयारखाल ,मेढ़ बुढ़ा केदार मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है।असल में माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करी जी का एक पत्र जो कि उन्होंने माननीय विधायक घनसाली जी के पत्र के जवाब में दिया है,माननीय गड़करी जी ने पत्र में लिखा है कि उत्तरकाशी कमद अयांरखाल बूढ़ा केदार चमियाला घनसाली तिलवाड़ा मोटर मार्ग को ऑल वेदर रोड़ चारधाम प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में माननीय केंद्रीय मंत्री जी ने कहा कि राजमार्गो के विकास के महत्व को समझते हुए उक्त प्रस्तावित राजमार्ग को नए राजमार्ग में शामिल करने हेतु माननीय केंद्रीय मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं,अब अधिकारी सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लेंगे,अतः अभी तक कह सकते हैं कि ये मार्ग अभी चार धाम प्रोजेक्ट में शामिल हुआ नहीं है बल्कि प्रस्तावित है, वो अलग बात है कि माननीय विधायक घनसाली श्री शक्ति लाल शाह जी इस मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु लगातार प्रयासरत है। जरा आप सभी के समक्ष यह बात रखना चाहूंगा कि वर्तमान में चार धाम यात्रा उत्तरकाशी से धौंतरी चवाड गाड़, कोटाल गांव केमडा खाल दल्ला चमियाला घनसाली तिलवाड़ा मोटर मार्ग से विगत कई वर्षों से चल रही है ।यह मार्ग अधिक सुगम व सरल है, दूसरी बात जब विगत कई वर्षों से यही से यात्रा चल रही है व लोगों ने तमाम लोंन लेकर यात्रा मार्ग से जुड़े तमाम पडावों, गांवो में होटल लॉज बनाए है,जिनमे यात्रियों को रुकने व खाने की अच्छी व्यवस्था मिलती है,साथ ही मेरे व्यक्तिगत रूप से जो अनुभव है यह मार्ग बूढ़ा केदार की अपेक्षा लगभग 10 किमी सरल व अधिक सुगम है,इस मार्ग से उत्तरकाशी के गाजना ,टिहरी के भदुरा पट्टी, व आर गढ़ पट्टी के तमाम गांव के लोग यात्रा से जुड़े व्यवसाय से अपना भरण पोषण करने लगे हैं,अब जबकि यहां से यात्रा अच्छी तरह से संचालित हो रही है ऐसे में अधिक फेर वाले अयांर खाल से यात्रा संचालित करना शायद सही कदम न होगा,वैसे जबसे क्षेत्रीय लोगों को इस खबर का पता लगा तो सभी लोग यात्रा मार्ग को यथावत रखने हेतु बात कह रहे हैं,यदि इसमें परिवर्तन किया गया तो स्वाभाविक रूप से इस मार्ग से जुड़े हजारों लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है,अतः सरकार को जो मार्ग चार धाम यात्रा का वर्तमान में है उसी को यथावत रखना चाहिए।

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