सौरभ मिश्र
भ्रष्टाचार अर्थात भ्रष्टआचरण वो कहीं भी हो आर्थिक,सामाजिक,राजनीतिक उस पर त्वरित एवं उचित कार्यवाही करके पूर्णविराम लगाना चाहिए ढ्ढजैसे की प्रसिद्व राजनीतिक दार्शनिक हेनरी मैंन ने कहा था की “लोकतंत्र दो तरफ की प्रक्रिया है ” अर्थात किसी भी बुराई को जड़ से उखाड़ने के लिए सरकार तथा जनता दोनों को सुचितापूर्ण मंशा के साथ लड़ना होगा तभी एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव हो पायेगा ढ्ढभारत में भ्रष्टाचार केवल मात्र एक शब्द नहीं रह गया है बल्कि यह एक भयावह बीमारी के रूप में सभी को नकारात्मक रूप से पीड़ित करता जा रहा है,जब समूचे देश ने एक स्वर में अण्णा आंदोलन के समय इसकी मुखालिफत की और जब भ्रष्टाचार रूपी निशा ने देश को ग्रस लिया था तब मोदी रूपी सूरज ने उस पर अंकुश /पूर्णविरामलगाने का सार्थक प्रयास किया था, जो की कुछ हद तक सफल भी हुआ परन्तु वर्त्तमान में जब लोग मोदी हटाओ नारे लगाते है तो उनको इस बात का क्या भय नहीं लगता की पुनः भ्रष्टाचार रूपी बीमारी समूचे समाज को अपने आगोश में ले लेगी और यहाँ पर जनता की मंशा पर भी संदेहहोता है की अब उनको क्या चाहिए ,इस बात से हम सभी इत्तेफ़ाक़ रखते होंगे की हम सब इस लड़ाई में शामिल है ढ्ढ मोदी जी से अच्छा विकल्प जनता के पास अभी फ़िलहाल नहीं है क्यूंकि विगत ९ वर्षो के इससरकारकेकार्यकालमेंभ्रष्टाचार में कोई संलिप्त नहीं पाया गया है और अगर पाया गया है तो उस पर कानूनी कार्यवाही हुई है । प्रत्येक समस्याओ कोसरकार समाधान करने में प्रयासरत है क्यूंकि कई वर्षो का मलबा है हटाने मैं समय तो लगेगा ,समाज कई बुराईयों से पीड़ित है ,भ्रष्टाचार,भाई भतीजावाद,आर्थिक तंगी,बेरोजगारी महंगाई इत्यादिका समाधान करने के लिए पर्याप्त समय लगेगा पहले की अपेक्षा सकारात्मक परिवर्तनस्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है ढ्ढ आतंकवादी हमलो /घटनाओ में संतुष्टिजनक अंकुश लगा है,मजहबी दंगों पर भी रोक लगी है और संवाद स्थापित करके सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने का भी प्रयास जारी है ढ्ढअंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की बेहतर छवि का विस्तार हुआ है ढ्ढ यह युग परिवर्तन का दौर है परन्तु इसका मतलब यह नहीं की हम प्रयास तथा समाधान का दामन छोड़ दे या अनुचित गतिविधियों को सहीठहरानें लगे फिर भी समय को दृष्टिगत रखते हुए सरकारने वर्त्तमान में आशा की किरण दिखलाई है ,जहा पुलिस की भी कार्यशैली बदली है,ओलम्पिक में भी खिलाडियोंने अच्छा प्रदर्शन कर देश के लिएपुरस्कार प्राप्त किये है,जनता में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है,परन्तु अभी काफी इम्तिहानो से सरकारको गुजरना बाकि है ढ्ढ जनताको भी वक्त को वक्त देना होगा और हमसभी को भारत को एक आध्यात्मिक,राजनीतिक,आर्थिक सशक्तता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा ।