उत्तराखंड

एम्स, ऋषिकेश में साइकिल रैली का आयोजन, पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने दिखाई हरी झंडी

एम्स, ऋषिकेश में छठवीं नेशनल कांफ्रेंस ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर के अंतर्गत साइकिल रैली का आयोजन किया गया, जिसे पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। बताया गया कि रैली के माध्यम से प्रतिभागियों ने समाज और परिवारों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने को लेकर जागरुकता का संदेश दिया।

संस्थान की निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉ.)मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित सम्मेलन के अवसर पर पूर्व क्रिकेटर मदनलाल ने वर्तमान दौड़धूप व आपाधापी भरे माहौल में स्वयं को स्वस्थ व फिट रखने के लिए संतुलित आहार विहार, व्यायाम जरुरी है। इस दौरान उन्होंने कांफ्रेंस में शिरकत करने वाले प्रतिभागियों को अपने जीवन में फिट रहने और नियमित व्यायाम का संकल्प भी दिलाया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने फैमिली फिजिशियन की महत्ता को सर्वोच्च बताते हुए कहा कि आज अस्पतालों में मरीजों की संख्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि हमारे पास प्राइमरी केयर सिस्टम मजबूत नहीं है व फैमिली फिजिशियन की संख्या भी निहायत कम है। लिहाजा उन्होंने फैमिली डॉक्टर वाले कांसेप्ट को वापस लाने पर जोर दिया, साथ ही इसके लिए फैमिली डॉक्टर को प्रशिक्षित किए जाने की जरुरत बताई। जिससे हम एक अच्छे और मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण कर सकें।

कार्यक्रम के दौरान स्वयं पेशे से चिकित्सक व गांव में ही निजी क्लीनिक के माध्यम से मरीजों की सेवा कर चुके केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री चौधरी ने मेडिकल छात्र-छात्राओं से भी चर्चा की और उन्हें चिकित्सकीय पेशे की बारीकियां बताईं, साथ ही उन्होंने चिकित्सकों को कम्युनिटी आउटरीच केलिए कार्य करने को प्रेरित किया।
नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर( एनएचएसआरसी) के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. अतुल कोटवाल ने कहा कि चिकित्सकों के लिए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का नियमित भ्रमण और वहां के जरुरतमंद लोगों, स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित मरीजों के लिए कार्य करना अति आवश्यक है, जिससे चिकित्सक वहां के सामाजिक परिवेश को समझ सकें और लोगों के स्वास्थ्य की स्थितियों से रूबरू हो सकें।

लेफ्टिनेंट जनरल साधना एस. नायर, वीएसएम, महानिदेशक चिकित्सा सेवा (सेना) ने फैमिली फिजिशियन की भूमिका को वर्तमान जीवनशैली में जनस्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण बताया और कहा कि स्वास्थ्य की बात आने पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का महत्व सबसे अधिक होता है। भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के सामने आने वाली चुनौतियों के साथ-साथ सरकारी पहल और नीतियां भी जरूरी हैं। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा चिकित्सकों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने का संदेश दिया।

आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में एम्स, ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, डीन एकेडमिक प्रोफेसर डॉक्टर जया चतुर्वेदी, एएफपीआई अध्यक्ष डॉ.रमन कुमार, आयोजन सचिव डॉ. संतोष कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. महेन्द्र मौजूद रहे।

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