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इकोनॉमी और इकोलॉजी में संतुलन बनाकर होगा विकास: धामी

कुमाऊं। मुख्यमंत्री सीएम कैंप कार्यालय में चंपावत जनपद को आदर्श जनपद के रूप में विकसित करने के लिए आयोजित बोधिसत्व संवाद कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरे समर्पित भाव से काम करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पूरे हिमालय क्षेत्र को विकास की राह दिखा सकता है. इकोनॉमी और इकोलॉजी में संतुलन रखते हुए सतत विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है. चंपावत जिले को माॅडल के रूप में लिया गया है. चंपावत में सभी तरह की भौगोलिक परिस्थितियां मौजूद हैं. यह न केवल उत्तराखंड बल्कि सभी हिमालयी राज्यों के लिए माॅडल बनेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम विभाग और संस्थाएं विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां कर रही हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत जनपद को आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकास्ट नोडल एजेंसी के रूप में काम करे. चंपावत में कॉर्बेट ट्रेल एवं आयुष ग्राम पर तेजी से काम किया जाए. हैलीपेड बनाने की संभावना का अध्ययन किया जाए. सिडकुल द्वारा छोटे इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जा सकते हैं. आईटीआई में रोजगार परक और बाजार की मांग आधारित कोर्सेज संचालित हों. सड़क एवं रेल कनेक्टिविटी को विकसित करने के लिए राज्य सरकार केंद्रीय मंत्रालयों के सम्पर्क में है.

बैठक में हेस्को के संस्थापक डाॅ अनिल जोशी ने कहा कि हमें सभी की भागीदारी से आगे बढ़ना है. एक दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाना है. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बोधिसत्व संवाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड को प्रकृति प्रदत्त बौद्धिकता है और यहां ऋषि परंपरा रही है. चंपावत को विभिन्न क्लस्टरों में विकसित किया जा सकता है, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काम करना होगा.

भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के अधिकारियों ने टोपोग्राफी, भू उपयोग, साइट सूटेबिलिटी एनालिसिस, साॅयल, सिंचाई, जैव विविधता, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ड्रैनेज, भूजल, जियोलाजिकल स्ट्रक्चर, लैंडस्लाइड से संबंधित मैपिंग पर प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने कहा कि उनका संस्थान सैटेलाइट कम्यूनिकेशन, टेली एजुकेशन एवं टेली मेडिसन में सहयोग कर सकता है.

आईआईपी द्वारा बताया गया कि हाल ही में उनकी एक टीम चंपावत गई थी और विभिन्न सम्भावनाओं का अध्ययन किया है. आईआईपी ने चीड़ की पत्तियों का आर्थिक उपयोग एवं बायोडीजल के क्षेत्र में काम कराने की बात कही. मत्स्य संस्थान द्वारा बताया गया कि ट्राउट फिशिंग में काम की काफी सम्भावनाएं हैं. वन विभाग की ओर से कहा गया कि इको टूरिज्म के साथ ही वन पंचायतों के माध्यम से हर्बल व ऐरोमैटिक के क्षेत्र में काम किया जा सकता है.

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