भगवान परशुराम का आदर्श : शस्त्र और शास्त्र जीवन में समान रूप से उपयोगी

हिन्दू संस्कृति में जिन दशावतारों का वर्णन है, उनमें से षष्ठ अवतार भगवान परशुराम के जन्म दिन के रूप में भी अक्षय तृतीया को मनाया जाता है। अक्षय का अर्थ है जिसका कभी नाश न हो, जो स्थायी रहे। जो सर्वदा सत्य हो।
बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज, मोती नगर, लखनऊ में आज हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा की मेधावी छात्राओं का सम्मान किया गया। कक्षा 12 की शिवानी तिवारी 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करके विद्यालय में प्रथम स्थान पर रही। इला सिद्धिकी 69.6 प्रतिशत अंक लेकर द्वितीय स्थान पर और खुशी 68.2 प्रतिशत अंक लेकर तृतीय स्थान पर रही। इसी प्रकार हाईस्कूल में आराधना निषाद 78.6 प्रतिशत लेकर विद्यालय में प्रथम स्थान पर, मांडवी सिंह 78 प्रतिशत अंकों के साथ द्वितीय स्थान पर, मनतशा 74.5 प्रतिशत अंकों के साथ तृतीय स्थान पर, अफरोज 70 प्रतिशत अंक लेकर चौथे स्थान पर तथा शालिनी पाल 69.6 प्रतिशत अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहीं।
इन सभी छात्राओं को विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र द्वारा मेडल, सर्टिफिकेट एवं कलम देकर उनका सम्मान किया गया तथा मिष्ठान्न वितरित किया गया। इस कार्यक्रम में उमा रानी यादव, सीमा आलोक वार्ष्णेय, शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव, उत्तरा सिंह, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, रागिनी यादव, मंजुला यादव, मीनाक्षी गौतम, प्रतिभा रानी एवं रितु सिंह सभी शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं और सभी ने छात्राओं को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं देकर उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही ऋचा अवस्थी, मंजुला यादव और प्रतिभा रानी के निर्देशन में विद्यालय में परशुराम जयंती का आयोजन किया गया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र एवं समस्त शिक्षिकाओं द्वारा भगवान परशुराम के चित्र को पुष्प अर्पित करके उनका पूजन किया गया। कक्षा 12 की रिया और अंजलि पटेल ने भगवान परशुराम के जीवन और आदर्शों पर विस्तार से चर्चा की। कक्षा 9 की दिव्यांशी और मोहिनी ने गीत प्रस्तुत किया तथा कक्षा 7 की नंदिनी मिश्र ने भी परशुराम जी के आदर्शों पर अपना विचार प्रस्तुत किया। परशुराम जी का मुख्य संदेश यही था कि शस्त्र और शास्त्र दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।