निदेशक/वन संरक्षक राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखण्ड देहरादून पांच दिवसीय भ्रमण पहुंचे गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क
डा.साकेत बढोला (आइएफएस) निदेशक/वन संरक्षक राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखण्ड देहरादून पांच दिवसीय भ्रमण पर गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क, उत्तरकाशी के फील्ड कार्यों एवं कार्यालय का निरीक्षण किया गया। गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के क्षेत्र का भ्रमण करने से पूर्व भारतीय सेना के अधिकारियों से हर्षिल में औपचारिक वार्ता की। सेना के कमाण्डिंग ऑफिसर कर्नल सनी एवं मेजर भरत द्वारा हर्षिल वन विश्राम भवन पर निदेशक सेना से सम्बन्धित वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों पर चर्चा की गयी। सेना के समस्त प्रकरणों पर निदेशक द्वारा त्वरित कार्यावाही करते हुए निस्तारण हेतु उप निदेशक गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क को मौके पर ही निर्देश दिए।
निदेशक डा.साकेत बढोला ने नेलांग वैली का भ्रमण किया। नेलांग वैली में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु कारछा, जांगल एवं चोरागांव क्षेत्र में टेट कालोनी बना कर पर्यटकों को आकृषित करने हेतु मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये।साथ ही पीडीए में आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ वार्ता कर उनकी समस्याओं को सुना गया एवं उसके निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क को दियेे। पीडीए के पश्चात निदेशक जांगला तक सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई जा रही सड़क का निरीक्षण टेबलटाप तक किया गया। वन्यजीवों से सम्बन्धित समस्त पहलुओं की विस्तृत जानकारी उपनिदेशक से ली।
उन्होने केदारताल बैरियर निर्माण का निरीक्षण किया उसके उपरांत जमखू बैरियर का निरीक्षण कर गंगोत्री से गौमुख क्षेत्र का निरीक्षण भी किया साथ ही कनखू बैरियर से गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क द्वारा कराये जा रहे विभिन्न कार्यों (मृदा जल संरक्षण, वृक्षारोपण, भूमि अपर्दन, वनाग्नि सुरक्षा, वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास का पुनरोद्धार) आदि का निरीक्षण किया। भोजबासा से गौमुख क्षेत्र का निरीक्षण कर विभिन्न मृदा एवं जल संरक्षण कार्यों को देखने के उपरांत गंगोत्री / भैरौघाटी पहुंचकर गरतांग गली पर्यटक स्थल का भी औचक निरीक्षण किया।