देहरादून। जन सम्मेलन में सैकड़ों लोगों ने सरकार की नीतियों पर प्रतिरोध जताया। बस्तियों को उजाड़ने पर, जगदीश चंद्र की बर्बर हत्या और अन्य जातिवादी अत्याचारों पर भी आवाज़ उठाई आज कैनाल रोड देहरादून में एक मज़दूर बस्ती में जन सम्मेलन को आयोजित किया गया था। सैकड़ों आम लोगों के साथ वरिष्ठ किसान नेता गंगाधर नौटियाल और अन्य जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया। चेतना आंदोलन के साथ उत्तराखंड महिला मंच, CPI, एसपी, जन संवाद समिति और अन्य संगठनों ने समर्थन दिया।
वक्ताओं ने पहले उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के कार्यकर्ता जगदीश चंद्र की बर्बर हत्या, हर्रावाला में एक दलित युवती की हत्या और अन्य जातिवादी अत्याचारों की निंदा की।
फिर सम्मलेन में वक्ताओं ने सहस्त्रधारा रोड पर कुछ मजदूर परिवारों को बेघर करने की जिक्र करते हुए कोर्ट या विकास परियोजना का बहाना बना कर लोगों को बेघर करना; मज़दूर बस्तियों के लिए बनाये हुई नीतियों और कानूनों को अमल न करना; राशन को सीमित करना; और हर योजना में बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार और विलम्ब पर आक्रोश जताया। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत अध्यादेश लाये कि किसी भी परिवार को बेघर नहीं किया जायेगा। उन्होंने यह भी मांग की कि सख्त आदेश करे कि निर्धारित समय के अंदर हर पंजीकरण या लाभ के आवेदन पर कार्रवाई करे; और राशन हर परिवार को दे। सम्मेलन शाम छह बजे को शुरू हो कर रात आठ बजे तक चला। वक्ताओं ने यह भी घोषित किया की आगे इन मुद्दों को ले कर और सरकार की अन्य जन विरोधी नीतियों पर प्रदेश भर आंदोलन होगा। ऑल इंडिया किसान सभा के राज्य सचिव गंगाधर नौटियाल एवं चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल और सुनीता देवी ने सम्मेलन को संबोधित किया। सैकड़ों लोगों के साथ रमण पंडित, सुवा लाल, विजेंद्र कुमार, देवेंद्र कुमार, रामू सोनी, राजेंद्र शाह, मुकेश उनियाल और अन्य लोग शामिल रहे।