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एम्स, ऋषिकेश में अब 100 से अधिक सेवावीर करेंगे 24 घंटे मरीजों की मदद, बाकायदा हेल्प डेस्क स्थापित

ऋषिकेश : इलाज हेतु एम्स, ऋषिकेश आने वाले आम मरीजों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने और जरूरी स्वास्थ्य संबन्धी मदद अब और आसान तरीके से मिल सकेगी। इसके लिए बाकायदा एम्स प्रशासन द्वारा एम्स सेवावीर दल का गठन किया गया है। जो कि दो अलग-अलग स्थानों पर बनाई गई हेल्प डेस्क के माध्यम से जनसामान्य की सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे।

गौरतलब है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में पूर्व में कार्यरत सिविल सुरक्षाकर्मियों की बीती 28 फरवरी को सेवा समाप्त कर दी गई थी। करीब ढाई महीने बेरोजगारी का दंश झेलने के बाद संस्थान से हटाए कर्मियों को आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से पुनः बहाल कर सेवावीर के रूप में तैनाती दे दी गई है। एम्स के यह सेवावीर अस्पताल में 24 घंटे मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सहायता करने में मददगार होंगे। इसके लिए बाकायदा एम्स परिसर में दो सेवावीर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। संस्थान में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ट्राॅमा सेंटर के निकट तथा हॉस्पिटल बिल्डिंग में न्यूरो ओपीडी के निकट भू-तल पर सेवावीर हेल्प डेस्क बनाई गई है।

प्रतिदिन की दैनिक तीनों पालियों में 100 से अधिक सेवावीर मरीजों की मदद करेंगे।

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह की पहल पर गठित की गई एम्स सेवावीर टीम अस्पताल में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों की संपूर्ण सहायता के लिए संस्थान के प्रवेश द्वार पर 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। जिससे संस्थान में आने वाले मरीजों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ. ) मीनू सिंह की पहल पर बेहतर सेवा कार्य करने वाले इन गार्ड्स की सेवावीर टीम बनाई गई है। जो एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों खासकर वृद्ध, दिव्यांगजनों, महिलाओं को अस्पताल से संबंधित सामान्य जानकारियां उपलब्ध कराएंगे। साथ ही व्हील चेयर, स्ट्रेचर उपलब्ध कराने, पंजीकरण, ओपीडी तक छोड़ने, जांच आदि में सहायता प्रदान करेंगे।

इसके लिए एम्स परिसर स्थित ट्रॉमा सेंटर के बाहर बाकायदा हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। इस स्थान पर पहुंच कर मरीज एम्स सेवावीर डेस्क से अस्पताल से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी ले सकते हैं। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं व एम्स में आने वाले मरीजों ने लोगों की सहायता के लिए संस्थान प्रमुख द्वारा की गई इस पहल की सराहना की है।

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