चिकित्सा शिक्षा में लैब टेक्नीशियन ( पद कोड 101) के पदों में निकाली गई विज्ञप्ति, जिसकी परीक्षा 06.03.2022 को होनी थी, कोर्ट के आदेश अनुसार निर्णय तक स्थगित कर दिया गया।
अपिलकर्ता का कहना है कि लैब टेक्नीशियन विज्ञप्ति का प्रकाशन सबसे पहले 13 अगस्त 2021 में किया गया था फिर उसके बाद इस विज्ञप्ति को संशोधित कर 6 जनवरी 2022 को दोबारा से प्रकाशित किया गया, जो की पूरी तरह से गलत था। जब 13 अगस्त 2021 की विज्ञप्ति में लैब टेक्नीशियन का अनुभव 2 वर्ष मांगा गया था तो उसको क्यों संशोधित किया गया, 6 जनवरी 2022 विज्ञप्ति के अनुसार चिकित्सा संस्थान से संबंधित कार्य में प्रशिक्षण (इंटर्नशिप) को अनिवार्य माना गया जबकि इंटर्नशिप कोर्स का ही एक भाग होता है, इसको अनुभव के रूप में नहीं लिया जा सकता।
उत्तराखंड में डिग्रीधारी मेडिकल लैब टेक्नीशियन की पहली बार विज्ञप्ति निकाली गई थी, जबकि डिग्रीधारी लैब टेक्नीशियन अपनी वर्षवार नियुक्तियों के लिए कई वर्षों से प्रयास किए जा रहे थे।
मंत्रियों ने भी आश्वासन दिए लेकिन किसी ने भी उसको धरातल पर नहीं उतारा और यह सोचने वाली बात है की क्या कारण हो सकता है जब एक बार विज्ञप्ति लैब टेक्नीशियन सर्विस नियम 2020 के अनुसार प्रकाशित कर दी गई थी तो दोबारा से सर्विस नियमों को क्यों संशोधित किया गया और उसी के आधार पर संशोधित विज्ञप्ति पर चयन प्रक्रिया की जाने लगी।
जबकि उत्तराखंड बनने के बाद 2007, 2009 व 2013 में लैब टेक्नीशियन की तीन बार नियुक्तियां की गई, लेकिन उसमें शिक्षा की अहर्ता डिप्लोमा था, जिस कारण से डिग्रीधारी इन विज्ञप्ति पर आवेदन भी नहीं कर सकते थे।
21 वर्षों से नियुक्तियों की राह देखते-देखते बहुत से लोग आज आयु की उच्च सीमा को पार कर चुके हैं जो इस विज्ञप्ति पर आवेदन भी नहीं कर पाए। नियुक्तियों की प्रतीक्षा कर रहे लैब टेक्नीशियन इस विज्ञप्ति को देखकर हताश हो गए थे, जिस कारण से उन्हें उच्च न्यायालय का सहारा लेना पड़ा और न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में इस विज्ञप्ति को स्थगित करने का निर्णय लिया।