फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल पर व्याख्यान
देहरादून, 29 अगस्त, 2024। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से आज सायं विलक्षण फिल्मकार श्याम बेनेगल के जीवन व उनके कार्यों पर एक व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। फिल्मों के जानकार व इतिहासविद डॉ. मनोज पंजानी ने यह व्याख्यान संस्थान के सभागार में दिया। डॉ. मीनू गोयल ने शुरुआत में फ़िल्मों, श्याम बेनेगल के जीवन व उनके कार्यों पर गहनता से प्रकाश डाला। उन्होंने मनोज पँजानी द्वारा फिल्म के क्षेत्र में किये जा रहे इस तरह केअकादमिक कार्यों की खूब प्रसंशा की। उल्लेखनीय है कि श्याम बेनेगल की फिल्में अपने राजनीतिक-सामाजिक सन्दर्भों के लिए जानी जाती रही हैं। भारत में उन्हें समानांतर सिनेमा के प्रवर्तक और अतंरराष्ट्रीय फलक पर उन्हें नई धारा की सिनेमा का नेतृत्वकारी माना जाता है। भारत एक खोज सहित संविधान जैसी चर्चित फिल्में भी उन्होनें बनाईं।
डॉ. मनोज पंजानी ने अपने व्याख्यान में कहा कि इस बार फिल्म निर्माता के रूप में उन्होनें 50 साल पूरे कर लिए हैं। अंकुर, निशांत, मंथन, भूमिका, जुनून, मंडी, वेलकम टू सज्जनपुर, त्रिकाल, सूरज का सातवां घोड़ा, मैमथ, जुबैदा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वैल डन अब्बा जैसी उनकी फिल्मों का सन्दर्भ देकर उन्होनें उनसे जुड़ी कई बातों का जिक्र किया। उन्होंने शबाना आज़मी, अनंत नाग, नसीरुद्दीन शाह, दीप्ति नवल, रजित कपूर और राजेश्वरी सचदेव जैसे कलाकारों व लेखक सत्यदेव दुबे, खालिद मोहम्मद व छायाकार गोविंद निहलानी, को आगे लाने का कार्य किया।
डॉ. पंजानी ने कहा कि श्याम बेनेगल ने विजय तेंदुलकर और गिरीश कर्नाड जैसी साहित्यिक हस्तियों के साथ काम किया था। उनकी फ़िल्मों को विदेशों में फ़िल्म समारोहों में भी सराहा गया है। उनकी फ़िल्मों को कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। श्याम बेनेगल दादा साहब फाल्के पुरस्कार के प्राप्तकर्ता भी रहे हैं। उन्होनें उनका उत्तराखंड से भी जुड़ाव की बात भी बताई और कहा कि उनकी फिल्म ‘जुनून‘ रस्किन बॉन्ड के उपन्यास ‘फ्लाइट ऑफ पिजन्स‘ पर आधारित है। उनकी करीब 10 फिल्मों की लेखिका शमा जैदी की स्कूली शिक्षा वुडस्टॉक में हुई है।
कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज ने किया। इस कार्यक्रम में फिल्मों के दौरान श्याम बेनेगल साथ काम करने वाले कुछ लोगों के संदेशों का वाचन रंगकर्मी, विनीता ऋतुंजया और दून लाइब्रेरी के युवा सदस्यों द्वारा किया गया। कुछ युवा साथियों ने कुछ फिल्मों के गीत भी सुनाए।आज के इस सत्र में पूर्व प्रमुख सचिव, उत्तराखंड ,विभापुरी दास,समर भंडारी,बिजू नेगी, हिमांशु आहूजा, पंकज शर्मा, राकेश कुमार, शैलेन्द्र नौटियाल, सुंदर बिष्ट,जनकवि अतुल शर्मा, रंगमंच व फिल्म से जुड़े लोग, साहित्यकार, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और दून पुस्तकालय के सदस्य सहित बड़ी संख्या में युवा छात्र उपस्थित रहे।