उत्तराखंड

देश में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों के खिलाफ जुलूस निकाला

देश में महिलाओं के साथ बड़ते अपराधों के खिलाफ महिला एकता मंच व जिम कॉर्बेट महिला क्लस्टर द्वारा ग्राम कानिया चौराहा पर धरना देकर जुलूस निकाला।

जुलूस प्रदर्शन में महिलाओं एवं युवाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की तथा आगामी 11 सितंबर को वनग्राम सुंदरखाल में भी महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधों के विरोध में प्रदर्शन करने की घोषणा की।

धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए चंपा पांडे ने कहा कि महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधों को लेकर हम महिलाएं चुप नहीं बैठेगी अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए तथा अपराधों को रोकने के लिए सरकार सख्ती के साथ कार्रवाई करे।

महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा आज देश में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है। सोशल मीडिया, फिल्मों के माध्यम से देश में नग्न फिल्मों (पोर्न) की बाढ़ आ गई है जो कि समाज को विकृत कर रही है।

देश में हर 15 मिनट में एक बलात्कार की घटना सामने आ रही है। हमारा देश महिलाओ के लिए दुनिया का सर्वाधिक असुरक्षित देश बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के अश्लील चित्र, फिल्में बनाने को गैर जमानती अपराध घोषित किया जाना चाहिए, सामाजिक राजनीतिक व आर्थिक रूप से महिलाओं को वास्तविक रूप से बराबरी दी जानी चाहिए तथा समाज एवं सुरक्षा बलों व प्रशासन को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु पाठ्यक्रम तैयार किए जाने चाहिए व समाज में व्यापक स्तर पर लैंगिक समानता को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि सल्ट में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार व लालकुआं में महिला के साथ बलात्कार जैसी घटनाओं में भाजपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। परंतु इसको लेकर मुख्यमंत्री मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा नेताओं ने बलात्कार को धर्म और जाति से जोड़कर रख दिया है। चमोली की घटना में मुस्लिम आरोपी होने पर भाजपा के नेता हल्ला मचाते हैं परंतु लालकुआं और सल्ट में बलात्कार के आरोपियों को संरक्षण देते हैं। यह बीजेपी का दोहरा रा चरित्र है।

वक्ताओं ने कहा कि अपराधी चाहे किसी भी जाति धर्म का हो, कानून की नजर में अपराधी है भाजपा महिला के साथ हो रहे अपराधों के नाम पर हिंदू मुस्लिम की राजनीति करना बंद करें और महिलाओं को वास्तविक बराबरी व सुरक्षा दे

कार्यक्रम में समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, सरस्वती जोशी, कौशल्या, माया नेगी, ज्योति कोठारी, चंद्रा, लीला, गंगा, आरती, तनुजा पांडे, वीरा पारस, इंदिरा, कमला ,बिमला, भगवती, सैकड़ों महिलाएं शामिल रही।

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