अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की आसन्न विधानसभा चुनावों को लेकर आज हुई बैठक में पार्टी ने कहा कि पार्टी उत्तराखंड के मौलिक व उत्तराखंडी अस्मिता के सवालों को चुनावों में अपना मुख्य मुद्दा बनाएगी। इसमें प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों की लूट, बेरोजगारी, महंगाई और पर्वतीय क्षेत्र की अवधारणा को नष्ट करने की तमाम साजिशों के खिलाफ वो चुनाव में उतरेगी।
पार्टी ने कहा कि कांग्रेस, बीजेपी और दिल्ली से राज करने वाली पार्टियों ने उत्तराखंड को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और उनके पास उत्तराखंड के समाधान नहीं हैं, जबकि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी उत्तराखंड की एकमात्र विश्वसनीय एवं क्षेत्रीय पार्टी है जिसने उत्तराखंड के तमाम मूलभूत सवालों पर संघर्ष किया है और आगे भी करती रहेगी।
देहरादून रिस्पना पुल के पास पार्टी कार्यालय में पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी ने आसन्न विधानसभा चुनावों में प्राथमिकता के आधार पर 15 सीटों का चयन किया जिनको लेकर तत्काल घोषणा की जाएगी और इसके लिए उम्मीदवाओं के नाम भी लगभग तय कर लिए गए हैं।
पार्टी ने कहा कि वो चाहती है कि सामाजिक, उत्तराखंडी सोच की तमाम ताकतें उत्तराखंड में एक राजनीतिक विकल्प हैं यदि यह संभव नहीं हुआ तो पार्टी अपने दम पर इस चुनाव में उतरेगी और उत्तराखंड की जनता के हितों की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष करेगी।
पार्टी ने कहा कि विकल्प बनाने में जनता का महत्वपूर्ण योगदान होता है इसीलिए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के संघर्षों को देखते हुए जनता को तन मन धन से उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी का आधार तैयार करना चाहिए। जो भी पार्टियां उत्तराखंड में विकास विकास विकास की बात करती हैं उन्होंने उत्तराखंड में विनाश की पटकथा लिखी है और अगर उनको आगे और मौका दिया जाएगा तो उत्तराखंड को पूरी तरह से बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि उत्तराखंड में सशक्त भू कानून की बात करने वाले तमाम लोग खुद पहाड़ों में जमीनों के सौदेगार के तौर पर सामने आए हैं। और उनकी गलत नीतियों के कारण ही उत्तराखंड की जमीनों, उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर माफिया और पूंजीपतियों द्वारा कब्जा किया गया है। जबकि उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी तमाम भू माफियाओं के खिलाफ सशक्त संघर्ष के तौर पर सामने आई है।
पार्टी ने कहा कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, महंगाई और कृषि के चौपट होने से बेरोजगारी चरम पर है जिसके लिए नीतियों में परिवर्तन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विकास की जिन नीतियों पर पिछले 21 सालों में उत्तराखंड चला है उससे उत्तराखंड में विकास से ज्यादा विनाश हुआ है और पूरे प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही उत्तराखंड में पर्यावरणीय संकट बहुत चरम पर पहुंच गया है जिसके लिए सत्ता में बैठी पार्टियां जिम्मेदार हैं।
पार्टी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तराखंड की जनता उनको पूर्ण रूप से सहयोग करेगी और उत्तराखंड को समझने वाले तमाम लोग उसके साथ आकर इसके आधार को मजबूत करेंगे।
पार्टी ने तमाम ईमानदार, संघर्षशील लोगों से जो राज्य के तमाम मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं उनसे उम्मीद की कि वो सामने आकर राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे और उनमें से जो लोग राज्य के लिए चुनावी संघर्ष में भी आएंगे पार्टी उनका समर्थन करेगी।
बैठक में पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी, पार्टी के केंद्रीय कोषाध्यक्ष कुलदीप मधवाल, महानगर अध्यक्ष ज्ञानवीर त्यागी, बिशन दत्त सनवाल, विक्रम सिंह फर्सवान, राजकुमार त्यागी, सी.पी. शर्मा, आयुष जोशी, जगदीश गमगोई, ज्ञनवीर त्यागी, राजकुमार त्यागी, विजय जुयाल, सत्यप्रसाद कंडवाल, केसर सिंह, विनोद रावत , पूर्ण सिंह मेहरा, जगदीश ममगाई, सतवीर, समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।