वरिष्ठ पत्रकार जगमोहन की पत्नी रीता खनका नहीं रही, मेडिकल कॉलेज को दान की देह

देहरादून। जन सरोकारों की पत्रकारिता करने वाले जगमोहन रौतेला की पत्नी रीता खनका नहीं रही। भले ही वह अब दैहिक रूप से जीवित नहीं है ‘ लेकिन उनके बॉडी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल के छात्रों के लिए शोध के लिए जीवित रहेगी।
जब पत्रकारिता का चेहरा भी बदल रहा है तब जगमोहन रौतेला के शब्दों के धार कभी कुंद नहीं पड़ी। इसकी वजह उनके भीतर हमेशा जीवित रहा पत्रकार रहा और आगे भी रहेगा 1 जगमोहन को जन सरोकारों के पत्रकारिता के लिए उनके पत्नी रेता खनका हमेशा उनके पेट थपथपाते रही।कभी ऐसा नहीं रहा जब उन्होंने जगमोहन को यह ताना मारा होगा कि देखो और पत्रकार कैसे भौतिक उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं।
वह भी हमेशा जन सरोकारों के पक्ष में रहे और पूरी निष्ठा के साथ समाज सेवा से जुड़ी रही। कैंसर जैसी घातक बीमारी के बावजूद वहां समाज के लिए योगदान करती रही। जब नहीं लगाकर अब उनका शरीर जिंदा नहीं रहेगा तो उन्होंने मेडिकल कॉलेज को अपना देह . दान का संकल्प लिया। यही वजह है कि रीता ठनका का शरीर अग्नि को समर्पित नहीं किया जाएगा।कल के आशीष मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए शोध की वजह बनेगा।उन्होंने अपना शरीर मेडिकल कॉलेज को दान देने का संकल्प लिया था।उसे संकल्प को धरातल पर उतरते हुए जगमोहन रौतेला ने रेता खनका का शरीर मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया।
रीता खनका के मौत पार्क जन सरोकारों से जुड़े तमाम संगठनों एवं पत्रकारों ने दुख व्यक्त किया है। युगवाणी के संपादक संजय कोठियाल वरिष्ठ पत्रकार संघ जयप्रकाश मदन मोहन भिजवा, ललित जोशी, मदन मोहन गॉड रमेश कुड़ियाल, राजू गुसाईं आदि ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है. I कहां के रीता ने देहदान कर अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनकी पत्नी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।