
रमेश कुडि़याल
देहरादून। भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार अपने कार्यकाल के दौरान जीरो टॅालरंस चिल्लाती रही, लेकिन अब इसकी परतें उधड रही है। लेकिन जॅहा हाकम सिंह पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी है, वही भ्रष्टाचार की सुंरग में दरअसल इसके तार सचिवालय के कई बड़े नौकरशाहो और मंत्रियों के भीतर तक बिछे है। भर्तियों में पैसे के लेनदेन की खबरें तो बराबर तैरती रही, लेकिन कोई पुख्ता सबूत न होने से यह खबरे किसी मीडिया में उग नहीं पाई। अब हाकम की गिरफ्तारी के बाद कई और परतों के खुलने का भी इंतजार है। जांच तो यहां तक जा सकती है कि हाकम के रिसोर्ट में आखिर सचिवालय के बड़े अधिकारी क्यों जाते थे और हाकम उनके लिए कौन सी सुख सुविधा मुहैया करता था। सचिवालय में हुक्म नाैकरशाहो पर भी खूब चलता था।
सूत्रों की मानें तो हाकम उत्तरकाशी के एक डीएम की किचन संभालता था। यहीं से उसका सफर शुरू हुआ। डीएम ने उसे होम स्टे के लिए लोन उपलब्ध कराया। तब वह उत्तरकाशी में ६ोटी दलाली करता था। बाद में हाकम का दायरा बढ़ता गया। कई नौकरशाहो से उसकी गहरी पैठ होने लगी कुछ दबंग मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक उसके तार बिछ गए।
अब हाकम सिंह बेखौफ होकर नौकरी मामले का सूरमा हो गया बताते हैं कि सचिवालय में समीक्षा अधिकारियों की नियुक्ति में भी वह मददगार बना। आईएएस, आईपीएस और मंत्रियों का आशीर्वाद मिलने के बाद उसने पेपर लीक करने को अपना धंधा बना लिया। सूत्रों के अनुसार उसके लिए भाजपा से जुड़े कुछ युवा नेता भी काम करते थे। बताते हैं कि उसका रिसोर्ट अधिकारियों के लिए ऐशगाह बना हुआ था जहां उन्हें कस्तूरी और कीड़ा जड़ी उपलब्ध कराने के साथ ही उनके दैहिक सुख भी उपलब्ध कराये जाते थे। यही वजह है कि हाकम के हुक्म हर जगह चलने लगे थे।
कांग्रेस नेता शांति भट्ट का कहना है कि अधिकारियों के मोबाइल की लोकेशन तक की जांच होनी चाहिए ताकि पेपर लीक मामने का ओर खुलाया हो आरोप तो यहा तक है कि इस खेल मे कई बडे चहरे भी लिप्त होगे हांलाकि अब छाेटे कर्मचारियो पर ही गाज गिरी है दुसरी ओर हाकम के साथ संबध होने के बारे में पूर्व सी एम त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि इस मामले में उनका नाम साजिशन जोडा जा रहा है जबकि हाकम सिंह उन्हें एक कोर्यकरता की तरह ही मिला है उनका कहना है कि इस मामले कि गहन जांच होनी चाहिए वहीं मौजूदा सी एम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि इस मामने मे किसी को नहीं बक्शा जाएगा उपरी तौर पर सी एम का ये बयान सुकून भरा लगता है लेकिन इस मामले में अबतक किसी बडे नौकरशाह और मंत्री पर कारवाही होती नही दिख रही है ऐसे में धामी सरकार पर भी सवाल उठ रहे है ।