उत्तराखंडस्वास्थ्य

शुक्रिया टीएमयू, फिर दौड़ने लगेगा आमिर

तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के बाल रोग विभाग में दुर्लभ बीमारी- बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस-बीबीई से मुरादाबाद के पीड़ित तीन साल के बालक का सफल ट्रीटमेंट

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के अनुभवी डॉर्क्ट्स ने एक बार फिर सिद्ध किया है, उनका कोई सानी नहीं है। बाल रोग विभाग ने तीन साल के बालक में आत्मविश्वास फिर से लौटा दिया है। मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के बाल रोग विभाग में दुर्लभ बीमारी बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस-बीबीई से पीड़ित तीन वर्षीय बालक आमिर का सफल ट्रीटमेंट किया है। मुरादाबाद के मुहल्ला नवाबपुरा का तीन साल का आमिर न उठ पाता था, न बैठ पाता था, न ही वह बोल पर रहा था। आंखों की पुतली भी अस्थिर थी। आमिर के पैरेंट्स ने बहुतेरे डॉक्टर्स से इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पेशे से मजदूर आमिर के पिता मो. वसीम अंततः गंभीर हालत में उसे टीएमयू हॉस्पिटल में लेकर आए। टीएमयू अस्पताल मेें वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके गौड़ ने बताया, पेशेंट की सीटी स्कैन, एमआरआई, नर्व कंडक्शन स्डटी आदि की जांच कराई गई तो पता चला कि आमिर को बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस की बीमारी है। यह एक दुर्लभ प्रकार का गुलियन बेरी सिंड्रोम है।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गौड़ बताते हैं, यह बीमारी 10 लाख पीडितों में किसी एक को होती है। अमूमन 02 से 10 साल आयु वर्ग के बच्चों में यह बीमारी पाई जाती है। डॉ. गौर कहते हैं, टीएमयू हॉस्पिटल में इस तरह का यह पहला केस है। इस बीमारी में पेशेंट के हाथ-पैर काम करना बंद कर देते हैं। पेशेंट की कंडिशन लकवा रोगी जैसी हो जाती है। अगर इसका असर फेफड़ों तक पहुंच जाता है तो फेफड़ों को भी लकवा मार जाता है। ऐसे में पेशेंट की जान पर बन आती है। 36 साल की अनुभवी बाल रोग विभाग की एचओडी डॉ. रूपा सिंह कहती हैं, बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस का वैरियंट बेहद खतरनाक होता है। चुनिंदा बच्चों में ही यह वैरियंट पाया जाता है। टीएमयू में इलाज के बाद आमिर अब धीमें-धीमें चलने-फिरने लगा है। बोलता भी है। एचओडी डॉ. रूपा बताती हैं, दो सप्ताह के बाद पेशेंट को एक्सरसाइज बताई जाएगी। उल्लेखनीय है, बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस के प्रारंभिक लक्षण उनींदापन, चाल की गड़बड़ी और डिप्लोपिया हैं। डिप्लोपिया में रोगी को डबल दिखाई देता है। बिकरस्टाफ ब्रेनस्टेम एन्सेफलाइटिस-बीबीई सरीखी रेयर बीमारी के चलते सर्वाधिक रोगियों में मूर्खता, उनींदापन या कोमा जैसी स्थिति होती है। आमिर की मम्मी नायाब जहां कहती हैं, आमिर को दस दिन से बुखार था। इससे पहले वह न केवल आत्मविश्वास के संग साइकिल चलाता था, बल्कि दौड़ता और बोलता भी था। ट्रीटमेंट करने वाली टीम में डॉ. श्रुति जैन भी शामिल रहीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button