उत्तराखंड

एक नवयुग का निर्माण है शिव महापुराण की कथा -आचार्य महामाया प्रसाद शास्त्री जी।

भटवाड़ी प्रखंड के टकनौर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पाला में पावन सावन माह मे इन दिनों ग्राम वासियों के सहयोग से कथा व्यास उत्तराखंड के प्रसिद्ध कथवाचक आचार्य महामाया प्रसाद जी के सानिध्य मे “श्री शिव महापुराण कथा” का दिव्य आयोजन किया जा रहा है।
कथा मे मंडपाचार्य श्री घनानंद नौटियाल जी के नेतृत्व मे उत्तरकाशी क्षेत्र की विभिन्न पट्टियो के प्रकांड वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा महारूद्राभिषेक का विधिवत पाठ एवं हवन किया जा रहा है।

श्री शिव महापुराण की कथा मे व्यास पीठ से आचार्य महामाया प्रसाद जी ने भगवान शिव के बिभिन्न रुपों का वर्णन कर शिव महापुराण के महात्म्य की कथा का सार बताया।
आचार्य महामाया प्रसाद जी ने कहा कि हम जो भी कर्म करते हैं उसमे भक्ति, श्रद्धा और विश्वास होना जरूरी है, शिवपुराण कहता है कि भगवान की भक्ति को जितना कर सकते हो उस परमात्मा को अपने जीवन में उतारो। हमारे वैद, पुराणों और शास्त्रों में लिखा है कलयुग अपना काम करेगा लेकिन हम कलयुग को भजन-कीर्तन, धर्म-कर्म से सतयुग बना सकते हैं। भक्ति और भाव से ये युग शिवयुग जरूर बनेगा। उन्होंने कहा कि सारा सुख-दुख भगवान शिव के चरणों में सौंप दो, शिव जो करेगा श्रेष्ठ करेगा, श्रेष्ठ के लिए शिव के बिना कुछ नहीं। आज के दौर मे हम देखते हैं कि थोड़ी सी असफलता से हम हतोत्साहित हो जाते है, असफलता पर घबराना नहीं है। परिणाम बिगड़े तो बिगड़ जाने दो, शिव ने उससे भी कुछ अच्छा सोचकर रखा होगा।
इस दौरान चौथे दिवस की कथा मे भगवान शिव व माता पार्वती के शुभ विवाह मे गांव मे शिव बारात की सुन्दर झांकी निकाली गयी। इसके अलावा इष्ट देवता, ग्राम देवता, स्थान देवता व समस्त आह्वाहित देवताओं का आह्वान कर नित्य हवन पूजन किया जा रहा है।

इस दौरान शिव महापुराण कथा मे गांव के बच्चे, वृद्ध, महिलाएं एवं युवाओं की सेवा के लिए व्यास जी ने सबका धन्यवाद किया।

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