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यात्रा काल शुरू हो गया है स्थानीय लोगों को भी एक स्वरोजगार की उम्मीद जग गई है आज तक जहां केवल पुरुष लोग हैं यात्रा काल में स्वरोजगार अपनाते थे वहीं अब उत्तरकाशी में भी महिला समूह के द्वारा स्वरोजगार किया जा रहा है पहली बार स्थानीय मां भागीरथी स्वयं सहायता समूह नेताला की बहनों ने अपना स्वरोजगार शुरू किया इन महिलाओं ने पवित्रा लीला बाल वाटिका के अजय प्रकाश बड़ोला से भी गाय गोबर से बनी धुप बती दीपक कडे धुप बती स्टेंड का निशुल्क प्रशिक्षण दिया व अब अपने लोकल गाय गोबर से रोजगार कर रही है अजय प्रकाश बड़ोला ने बताया कि लोकल युवा पीढ़ी को स्वरोजगार देने के लिए हर सहायता कर रहे हैं गाय गोबर से पहाड़ में एक बहुत बड़ा स्वरोजगार योजना हो सकती है भविष्य में पहाड़ी गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती कंडे जलाने का यदि हर व्यक्ति को फायदा मिलेगा तो पहाड़ों का गाय का गोबर 10 ₹15 किलो से अधिक बिक सकता है वह भविष्य में एक बहुत बड़ा को रोजगार उत्पन्न हो सकता है सरकार को भी गाय के गोबर से बने दैनिक वस्तुओं के प्रचार प्रसार के लिए कार्य करने की आवश्यकता है
स्वयं सहायता समूह की कमला सेमवाल सविता सेमवाल ने बताया कि गाय गोबर से स्वरोजगार के लिए कार्य करना बहुत ही सुन्दर है व अब अपने समुह के माध्यम से स्वरोजगार किया जा रहा है
विनीता नोटियाल चन्द्र कला अनामिका डबराल अर्चना मुरारी गीता रेशमा मुरारी ने गाय गोबर से बनी दैनिक वस्तुओं का प्रशिक्षण लिया