उत्तराखंड

नशे के खिलाफ समाज को जागृत कर रहे हैं वो, नशे का शिकार हो गए थे जो

नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की बसभीड़ा चौखुटिया में हुई गोष्ठी में आए नशा मुक्ति केन्द्र ‘निर्मल दर्शन’ (हल्द्वानी ) द्वारा नशे के खिलाफ जन जागरण के अभियान के तहत दो नाटक प्रस्तुत किए गए। इन नाटकों में ‘निर्मल दर्शन ‘ के रवि , निशान्त , अमन , मनीष , प्रथम, भाष्कर , राहुल , अब्दुल, नितीश आदि ने अभिनय किया।

निर्मल दर्शन ‘ के डायरेक्टर संकल्प जोशी ने बताया कि ये सभी युवा पूर्व में नशे का शिकार हो गए थे पर अब नशे की लत से मुक्त होकर समाज को नशे के खिलाफ जागृत करने के अभियान में शामिल हैं, उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में वह और उनकी टीम विभिन्न गोष्ठियों तथा खासकर स्कूलों में जन जागरण के इस अभियान को चलाते रहेंगे।

‘नशा नहीं रोजगार दो ‘ आन्दोलन की 40वीं वर्षगांठ पर आयोजित वृहद गोष्ठी में अल्मोड़ा, गैरसैण, द्वाराहाट, नैनीताल , हल्द्वानी, जौरासी तथा चौखुटिया एवं आस पास के क्षेत्रों से आए अनेकानेक लोगों ने शिरकत की l नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की 40 वीं वर्षगांठ पर इस आंदोलन के संयोजक पी. सी. तिवारी ने कहा कि ये आंदोलन सामाजिक बदलाव का आंदोलन है उन्होंने जनता से हर तरह के मफियाराज के खिलाफ संगठित रूप से संघर्ष करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी व अनिश्चित भविष्य युवाओं को अवसाद व नशे की ओर धकेल रहा है इसलिए सरकार को रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की पहल करनी चाहिए। एक ओर जहां इस गोष्ठी में महिला एकता मंच सहित कई महिलाओं ने भागीदारी की तो उत्तराखंड छात्र संगठन के युवा छात्र नशे के खिलाफ मोर्चा थामने को तैयार थे। पूर्व ब्लाक प्रमुख 90 वर्षीय डा. लक्ष्मण सिंह मनराल परिवर्तन को समाज की आवश्यक्ता बताया वहीं युवा कवि हर्ष ने अपनी ओजस्वी कविताओं से सबका ध्यान आकृष्ट किया। गोष्ठी में शामिल सभी जनों ने जनगीत भी गाए और अन्त में जुलूस भी निकाला।

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