देहरादून | उत्तराखंड क्रांति दल के प्रथम अध्यक्ष स्व० डॉ० डी० डी० पंत की 103 वीं जयंती पर पार्टी कार्यालय 10 कचहरी रोड़ देहरादून में भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुये याद किया गया। डॉ० देवी दत्त पंत सन 1979 में 25 जुलाई को दल के प्रथम अध्यक्ष बने। डॉ पंत कुमाऊँ यूनिवर्सिटी के प्रथम कुलपति रहे। पिथौरागढ़ के देवराडी गांव में उनका जन्म आज के ही दिन हुआ। भौतिकी के क्षैत्र में उनका बड़ा योगदान रहा। आज भी बी०एस०सी० के सेलेब्स में पंत रेज़ पढ़ाई जाती है।
थिंक ग्लोबली एंड एक्ट लोकली एक नारा स्व०पंत जी ने ही दिया था। यही सोच उस महान वैज्ञानिक की रही तभी उन्होंने उत्तराखंड के समग्र विकास की अवधारणा लेकर उक्रांद की संरचना 24 व 25 जुलाई 1979 अनुपम होटल मसूरी में की व दल के प्रथम अध्यक्ष बने।इससे स्पष्ट होता हैं कि डॉ पंत उच्चें आयामों की सोच के व्यक्तित्व लेकिन उत्तराखंड कि सोच कों अहमियत दीं व एक क्षेत्रीय दल का गठन कर पृथक उत्तराखंड राज्य कि नींव रखी| पहाड़ की जवानी पानी की तरह बह रही हैं यें दंश उत्तराखंड पलायन आज भी बदस्तूर जारी हैं| डॉ पंत इसी पलायन कों रोकने के लिए उत्तराखंड राज्य का संकल्प लेकर उत्तराखंड क्रांति दल की स्थापना की| इस अवसर पर वक्ताओं ने का कि उक्रांद कि सरकार बनने पर डॉ डी डी पंत के नाम अकेडमिक पुरुस्कार शिक्षा के क्षेत्र में देगा|
इस अवसर श्री लताफत हुसैन, सुनील ध्यानी, विजय बौड़ाई, दीपक रावत, राजेंद्र बिष्ट, दिनेश नेगी बिजेंद्र रावत आदि उपस्थित थे|