उत्तराखंडसामाजिक

दर्शकों ने क्यों कर दिया कार्यक्रम देखने से इंकार

नरदा के गीतों का जादू बिखरा

दिनेश भट्ट

उत्तरकाशी। नेगी दा का जादू माघ मेला मंच को देखने को तब मिला जब नरेंद्र सिंह नेगी को सुनने आए दर्शकों ने अन्य कार्यक्रम देखने से मना कर दिया । हुआ यूं कि जो समय नेगी जी को दिया गया किंतु स्थानीय टीमें अधिक होने की वजह निर्धरित समय से विलम्ब हो गए और दर्शकों की और से नेगी जी के नारे लगने लगे 8.30 पर कार्यक्रम शुरू हुआ और दर्शकों के आग्रह पर रात 11.30 तक चला । कड़ाके की ठंड के बाबजूद दर्शक डटे रहे। नंदा देवी की स्तुति के साथ चारों धाम व भोले नाथ की आराधना से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए गीत व नृत्य की छटा बिखेरते हुए नरेंद्र सिंह नेगी व साथी कलाकारों ने दर्शकों का मन मोहा। जहां एक और सुप्रसिद गायक व नृत्य निर्देशक अनिल बिष्ट के “ऐजा हे भानुमती पाव बाजार” गीत पर दर्शक जम कर थिरके वही उभरते गायक गायिकाओं ने भी दर्शकों की वाहवाही बटोरी। रासो के साथ साथ थड़िया चौफला का अभिनव प्रयोग अच्छा था पर रासो के पारंपरिक चाल का अभाव खला। वेशभूषा ने नृत्य को चार चांद लगा दिए। उषा नेगी जी का योगदान अविस्मरणीय इस मायने में भी है कि वो नेगी जी के साथ हर वक्त ढाल की तरह खड़ी रहती हैं, नेगी के साथ पूरी टीम का ख्याल रखती हैं गाने से लेकर वेशभूषा व खाने तक । कार्यक्रम का संचालन गणेश कुकशाल “गणी ” ने अपने चिरपरिचित अंदाज में किया । मंच पर पहुंचते ही दर्शकों के शोर को अपनी मीठी वाणी से शांत करते हुए एक से एक बेहतरीन प्रस्तुतियों को एक सूत्र में पिरोहा। नेगी जी के साथ सल्फी लेने की होड़ लगी रही पुलिस प्रशासन की समझदारी ने कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी । जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवाण व सभी जिला पंचायत सदस्यों ने नेगी जी व उनकी पूरी टीम का शॉल व स्मृतिचिन्ह दे कर सम्मानित किया व उनका निवेदन स्वीकार कर आने हेतु आभार व्यक्त किया।

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