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दीपावली में गाय गोबर दीपक ही क्यों जलाते हैं

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जनपद में गाय के गोबर से धूपबत्ती राखियां धूपबत्ती स्टैंड बनाने के बाद आम लोगों को यह बहुत पसंद है इसके बाद अब अजय प्रकाश बड़ोला ने गाय के गोबर के कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अब गाय के गोबर से दीपक बनाने के लिए विभिन्न गांव के प्रधानों क्षेत्र पंचायतों से संपर्क करके उनको निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं ।

 

इस दीपावली पर जनपद में पहली बार गांव गांव में स्वयं गांव वाले दीपक बनाकर दीपावली मनाएंगे अजय प्रकाश बड़ौला के इस अभियान को क्षेत्र पंचायत भटियारा के दीपक नौटियाल ने 5 गांव में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से दीपक बनाकर दीपावली पर जलाने के लिए युवाओं को इसका निशुल्क प्रशिक्षण अजय बड़ोला दे रहे हैं ।

वही संग्रराली प्रधान संदीप सेमवाल एवं नगर पालिका सभागार श्रीमती उषा चौहान जी खुशाल सिंह चौहान जी ने भी अपने क्षेत्रों में गाय के गोबर से बने दीपक स्वयं बनाकर जलाने की बात कही है जनपद उत्तरकाशी में पहली बार गाय के गोबर से दीपक विभिन्न मंदिरों में जलाकर दीपावली मनाई जाएगी गाय के गोबर में लक्ष्मी का निवास करता है इसीलिए दीपावली पर गाय गोबर का विशेष महत्व है दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा की होती है गाय हमारे सनातन धर्म में पूजनीय है वह गाय 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास माना जाता है इसीलिए गाय के गोबर को हमारे शास्त्रों में प्रथम पूजनीय कहा गया है गाय के गोबर से ही गणेश बनाए जाते हैं और हर पूजा में सबसे पहले गाय के गोबर की ही पूजा से हर शुभ कार्य शुभम शुरू किया जाता है इसीलिए अब गाय के गोबर से स्वरोजगार तुम करने के लिए आम जनमानस को स्वयं आगे आना होगा।

अपने घरों में गाय गोबर गोमूत्र से बनी दैनिक वस्तुओं का उपयोग करें मंजन फिनायल साबुन मालिश तेल इस प्रकार के अनेक दैनिक भास्कर आप बाजार से लेकर गोपालन करने वाले को आर्थिक सहयोग कर सकते हैं गाय गोबर से लगें कुटीर उद्योगों को भी एक बल मिलेगा और इससे उनका उद्योग बढ़ेगा आम लोग गाय को पालने के लिए आगे आएंगे गोबर की कीमत बढ़ेगी इससे एक नया स्वरोजगार उत्पन्न हो सकता है।

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