उत्तराखंडराजनीति

*उत्तराखंड सरकार 100 दिन चले अढ़ाई कोस  *राकेश राणा*

*Uttarakhand government lasts 100 days* Rakesh Rana* 

*तथाकथित  उत्तराखंड में भाजपा की डबल इंजन की सरकार का 100 दिन का कार्यकाल का जश्न मनाना मात्र एक दिखावा है* । जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि राज्य में  भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने 100 दिन के कार्यकाल को उत्सव के रूप में मना रही है उन्होंने कहा बड़ी विडंबना है कि जिस सरकार ने विधानसभा चुनाव के वक्त उत्तराखंड के हजारों बेरोजगार नौजवानों के साथ प्रत्येक साल 2 लाख बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने का वादा किया था ,,बेलगाम महंगाई को कम करने का वादा किया था शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बड़े-बड़े वादे किए थे आज उन सब वादों में एक भी कोई वादा सरकार ने पूरा नहीं किया  । आज बेरोजगार नौजवान दर-दर की ठोकरें खा रहा है महंगाई चरम पर है गरीब आदमी  2 जून की रोटी के लिए तरस रहा है। उत्तराखंड के प्रत्येक नौजवान का एक सपना होता है कि यह  फौज में जाकर देश की सेवा करें सरकार ने अग्नीपथ योजना लाकर उनके सपने भी चकनाचूर कर दिए हालिया दिनों में बिजली के दामों में बेतहाशा वृद्धि की गई सरकार सिर्फ जनता को लूटने का काम कर रही है किसी भी क्षेत्र में सरकार ईमानदारी के साथ काम नहीं कर रही है प्रदेश में भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है स्वास्थ के  क्षेत्र में दूर-दराज के गांव से पीएससी सेंटर को बंद करने की प्लानिंग की जा रही है ।जिला चिकित्सालयों के बाद सी यच सी सेंटरों को पीपीपी मोड पर दी जाने की प्लानिंग चल रही है शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा का बाजारीकरण पर जोर दिया जा रहा है। गांव, बाजार ,शहरों में एक भय का माहौल पैदा किया जा रहा है जाति धर्म संप्रदाय के नाम पर राजनीति का चूल्हा जलाया जा रहा है । एपीएल बीपीएल अंतोदय कार्ड धारकों  से उनका हक छीना जा रहा है जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने केंद्र में खाद्यान्न गारंटी योजना लागू कर रखी है जिसमें हिंदुस्तान की लगभग 80% आबादी को उस में लिया गया है जिन प्रदेशों में भाजपा जनता के बहुमत से चुनाव नहीं जीत पा रही है  वहां धनबल का प्रयोग करके कई राज्यों में सरकारों को गिराने का काम किया जा रहा है। यह लोकतंत्र के साथ भद्दा मजाक है । कहा जा सकता है कि भाजपा का 100 दिन का कार्यकाल मात्र खानापूर्ति बनकर रह गया है और जनमानस आज भी हताश ओर निराश है।

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