स्पिकमैके के माध्यम से ओडिसी नृत्य का आयोजन
स्व ज्ञानानंद भट्ट रा कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय ज्ञानसू में सुधा मुखोपाध्याय द्वारा ओडिसी नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति के साथ साथ बच्चों को भी भाव भंगिमा करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा नृत्य के इतिहास के बारे में जानकारी दी कि ओडिसी नृत्य मंदिरों में महरी (देवदासी) से विकसित हुआ , जिसे बाद में गोटीपुआ (लड़के नर्तक) और आधुनिक गुरुओं ने पुनर्जीवित किया।


सुधा मुखोपाध्याय ने बताया कि उन्होंने गंधर्व महाविद्यालय नई दिल्ली से नृत्य में स्नातक ओडिसी नृत्य की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना माधवी मुद्दगल के सान्निध्य में किया।
स्पिकमैके के संस्थापक किरन सेठ द्वारा शास्त्रीय संगीत व नृत्य को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए विभिन्न स्वयं सेवकों के ये कार्यक्रम चलाया गया और उन्हें 2022 में अशोक जैन ने इस कार्यक्रम से जोड़ा।
ओडिसी नृत्य को उन्होंने तीन चरणों में प्रस्तुत किया सबसे पहले मंगलाचरण में भगवान जगन्नाथ की स्तुति के साथ रथ यात्रा की प्रस्तुति की द्वितीय चरण में बटु और तृतीय चरण में अभिनय में सखी द्वारा राधा को चिढ़ाने का नृत्याभिनव कर सभी को भावविभोर किया बाद में बच्चों ने भी उनके साथ नृत्य का अभ्यास किया।
उत्तरकाशी के संयोजक और शिक्षक कृष्णा नन्द बिजल्वाण ने बताया कि स्पिकमैके द्वारा शिक्षा विभाग के माध्यम से हर साल बच्चों को विभिन्न शास्त्रीय संगीत व नृत्य के विशेषज्ञों से जानकारी दी जाती है।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती कंडारी ने स्पिकमैके का धन्यवाद दिया कि उन्होंने सुधा मुखोपाध्याय के माध्यम से बच्चों को ओडिसी नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति से अवगत करवाया व स्मृति चिन्ह भेंट किया। सृष्टि सामाजिक संस्थान के दिनेश भट्ट ने स्पिकमैके की सराहना करते हुए सुधा मुखोपाध्याय को पौधा भेंट किया। इस मौके पर प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनीता जोशी,रा माध्यमिक विद्यालय ज्ञानसू की प्रधानाध्यापिका श्रीमती पुरी , अध्यापिका श्रीमती रजवार, सुनीता पंवार, मीना आर्य, नीलम राणा के साथ साथ अन्य स्टाफ भी मौजूद रहा।




