समाजवादी लोक मंच द्वारा आयोजित जन सम्मेलन को सफल बनाने के लिए मंच का जन संपर्क अभियान लगातार जारी

9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर समाजवादी लोक मंच द्वारा आयोजित जन सम्मेलन को सफल बनाने के लिए मंच का जन संपर्क अभियान लगातार जारी है।
कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए मंच ने पर्चा पोस्टर जारी कर ग्राम पूछड़ी, मालधन व बासीटीला में बैठकों का आयोजन कर क्षेत्र की जनता से 9 नवंबर को दिन में 11:00 बजे फायदे वाली रामलीला रामनगर में पहुंचने का आह्वान किया।
ग्राम बासीटीला में सभा को संबोधित करते हुए ललिता रावत ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के साथ भेदभाव और अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है जातिवादी उत्पीड़न चरम पर है। भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए लव जेहाद, लैंड जेहाद का झूठ गढ़कर, नफरत की राजनीति को आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की जगह गांव-गांव में शराब की दुकानें खोलकर समाज को नशे में डुबो रही है। उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों, आगनवाड़ी भोजनमाता आशा व गेस्ट टीचर आदि को नियमित नौकरी की बात तो दूर उन्हें न तो न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और न ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गयीं है।
मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं। जहां जनता एक तरफ तबाही बरबादी से कराह रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी *सब चंगा सी* का झूठा गुणगान कर रहे हैं। वे जनता से वसूले गये टैक्स का एक हजार करोड़ रुपयों से भी अधिक विज्ञापनों पर खर्च करके, बेशर्मी के साथ स्वयं ही अपनी पीठ ठोंक रहे है। राज्य गठन की सिल्वर जुबली मनाकर सरकार जनता के जख्मों पर नमक छिड़क रही है।
गिरीश चंद्र ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के सपने और जनता के अरमान आज भी अधूरे हैं। जिन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी इतिहास ने हमारे और आपके कंधों पर दी है। इसी पर चर्चा करने के लिए राज्य स्थापना दिवस पर इस जन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
जन सम्मेलन में जन कवि बल्ली सिंह चीमा, गांधीवादी नेता इस्लाम हुसैन, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी ने शामिल होने की स्वीकृति दी है।
इस अभियान में माया रावत, रमेश जोशी, जसवीर सिंह, रेखा जोशी, दुर्गा देवी, साहिस्ता, धना देवी, ममता, विनीता, देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।





