
केन्द्रीय अध्यक्ष पी0सी0तिवारी के निर्देश पर संयुक्त सदस्यीय दल के साथ उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी का एक दल जिसमे केन्द्रीय महा सचिव नरेश चन्द्र नौड़ियाल, केन्द्रीय सचिव विक्रम सिंह फर्सवाण, पौड़ी जनपद के संयोजक सत्यवान सिंह राणा और केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य जसवन्त सिंह सम्मिलित थे, जोशीमठ रवाना हुआ। संयुक्त सदस्यीय दल मे सीपीआइ(एम) के एडवोकेट गंगा राम नौटियाल (पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रप्रयाग) और उनके साथी, सीपीआई के कामरेड समर भंडारी अपने साथियों के साथ, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के कमलेश खंतवाल, लोकगायक सतीश धौलाखंडी आदि सम्मिलित थे। स्थानीय साथियों और सहयोगियों एडवोकेट सुरभि शाह, यूनिवर्सिटी छात्र शंकर, श्री पुष्कर राणा, प्रधान ग्राम सभा रैणी के साथ मिल कर जानकारियां हासिल की गयी, आपदा प्रभावित घरों और प्रभावित व्यक्तियों तथा व्यावसाईयों से मुलाकात की। धरनास्थल पल संघर्ष समिति के साथियों कामरेड अतुल सती, इंद्रेश मैखुरी, प्रसिद्य भूगर्भ वैज्ञानिक और पर्यावरणविद् डा0 रवि चोपड़ा की बातों को सुना व विचार-विमर्श किया। रास्ते मे तमाम जगहों पर विभिन्न पावर प्रोजेक्ट्स के नाम पर सुरंगें खोदी जा रही हैं। हैलंग के विवादित स्थल पर रूक कर भी देखा कि कार्पोरेट्स, सरकारें एवं सत्ताधारी दल और दलाल किस तरह जनता के साथ छल कर रहे हैं, तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ कर किस तरह सरकारी मशीनरी समाज और देश को गुमराह कर रही हैं। जोशीमठ मे स्थिति बहुत भयावह है। लोग भयभीत हैं और अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर आशंकित भी है।जगह जगह घरों, मकानों, सड़कों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानाके पर दरारें पड़ी हुयी हैं, फर्श, दीवारें आंगन, खेत खलिहान सब फट रहे हैं, दरक रहे हैं, धंसते जा रहे हैं। जोशीमठ त्रासदी को आपदा कहना फिलहाल प्रकृति के साथ अन्याय होगा। यह तो एक आपराधिक चूक का मामला अधिक प्रतीत होता है। सरकारें भली प्रकार जानती हैं कि हिमालयी क्षेत्र बेहद संवेदनशली है औ इसमे बड़ी छेड़छाड़ कभी भी गंभीर आपदा उत्पन्न कर सकती है। भूगर्भ वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, स्थानीय जनता सरकार के ऐसी विनासकारी परियाजनाओं का विरोध करते रहते हैं किन्तु सरकारें मनमाने ढ़ंग से सबकी राय और विरोध को दरकिनार करते हुये राजनैतिक चंदे और कार्पारेट बांड की कीमात पर अपने मित्र कार्पोरेट्स के लाभ और अपने कमीशनखोरी के चलते दानवाकार परियोजनाओं को जनता पर थोप रही हैं। जिसके दुश्परिणाम समय समय पर जनता को झेलने पड़ रहे हैं, जान-माल का नुकसान उठाना पड़ रहा है, घर उजड़ रहे हैं, रोजगार नष्ट हो रहा है, भविष्य अनिश्चित और असुरक्षित हो रहा है, लोगों मे भय एवं निराशा पैदा हो रही है। और विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है।ऐसी ही त्रासदी आज जोशीमठ मे देखने को मिल रही है। चाहे विकास का मुछ्दा हो अथवा पर्यावरण का, नागरिकों के जीवन को संकट मे डाल कर कोई भी विकास हमे स्वीकार नही। नागरिकों के जीवन, उनकी संपत्तियों, उनके अधिकारों की रक्षा हर हाल मे किये जाने की आवश्यकता हेै। पार्टी जोशीमठ के साथियों के साथ लगातार संपर्क बनाये हुये है। इसके साथ ही तमाम नागरिक संगठनों और राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर प्रभावितों के हित मे सम्मिलित आंदोलनात्मक रणनीति बनाए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी सरकार से मांग करती है कि –
1. सबसे पहले जोशीेमठ के लोगों के जीवन सुरक्षित करने और उनकी संपत्तियों, कारोबार की चिन्ता करना जरूरी है। यह प्राकृतिक आपदा का ही नही, सरकार की आपराधिक चूक का मामला भी है। इसलिये इस मामले मे प्रभावितों के लिये विस्थापन और पुनर्वास की कोई भी योजना प्रभावितों और उनका प्रतिनिधित्व कर रही जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों की शर्तों के आधार पर चलाई और लागू की जाय।
2. किसी भी प्रभावित कारेबारी चाहे बह मालिक हो अथवा नौकर, भवन स्वामी हो अथवा किरायेदार, सबकेे कारोबारी हितों को भी सुरक्षित किया जाय अन्यथा परिवार के किसी सदस्य को सरकारी रोजगार उपलब्ध कराया जाय।
3. किसी भी बच्चे की स्कूली शिक्षा प्रभावित न हो, इसके इंतजाम किये जायं।
4. उत्तराख्ंाड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पी0सी0तिवारी की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश पर तुरंत अमल करते हुये जोशीमठ क्षेत्र के निवासियों पर आये इस गंभीर संकट के समाधान के लिये तत्काल केन्द्र सरकार के साथ मिल कर स्वतंत्र और इस क्षेत्र मे विशेषज्ञता रखने वाले भूवेज्ञानिकों, पर्यावरण विशेषज्ञों और जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को लेकर एक उच्च स्तरीय, अधिकार प्राप्त और विशेषज्ञ समिति का गठन करे। कारणें की तलाश करे तथा सर्वेक्षण मे ग्राम रैणी, चाईगांव तथा पल्ला गांव को भी सम्मिलित किया जाय और सारे जगहों के पुनर्वास प्रकरण समानता के आधार पर निपटाये जायं।
5. उत्तराख्ंाड परिवर्तन पार्टी ने पूर्व मे मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर राज्य मे जगह जगह घटित हो रही इस प्रकार की आपदाओं की घटनाओं और घटना संभावित क्षेत्रों का समय रहते व्यापक सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की थी, जिस पर शासन ने जिलाधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी है। इस विषय पर नागरिक संगठनों को विश्वा समे लेकर गंभीरता के साथ सर्वेक्षण कार्य कराया जाय।
6. हिमालयी क्षेत्रों के लिये हानीकारक तमाम बड़े दानवाकार प्रोजेक्ट्स के निर्माण और भारी मशीनरी के उपयोग, विस्फोटकों के उपयोग पर रोक लगाए।
7. पर्यावरण और जनता के जान-माल की कीमत पर थोडे़ से राजस्व की प्राप्ति के लालच चुनावी चंदे के लालच, कार्पोरेट बांड्स के लालच को त्याग कर राज्य मे बढ़ते बेतरतीब और अवैज्ञानिक तरीके से बढ़ती पर्यटन गतिविधियों पर नियंत्रण करे।
8. राज्य सरकार इस वैश्विक धरोहर की रक्षा और आने वाली इंसानी पीढ़ियों के हितों की व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये हिमालयी राज्यों और केन्द्र सरकार के सहयोग से हिमालयी क्षेत्र मे सम्मिलित तमाम पडा़ेसी मुल्कों और वैश्विक संगठनों के साथ मिल कर सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र को हैरिटेज क्षेत्र घोषित करवाने की दिशा मे प्रयास करे और संरक्षित करें।
ताकि इस महत्वपूण लेकिन अतिसंवेदनशील क्षेत्र कोे सम्पूर्ण मानव जाति के हित मे सुरक्षित रखा जा सके।
उत्तराख्ंाड परिवर्तन पार्टी इस संकट की घड़ी मे जोशीमठ काी जनता के साथ है। यदि इस दिशा मे राज्य सरकार आवश्यक कदम उठाने मे हीला-हवाली करेगी तो उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति और तमाम सरोकारी संगठनों के साथ मिल कर आंदोलन करेगी।