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उत्तरकाशी , जहां चाहा वहां राह उत्तरकाशी नगर में अजय गायत्री कुटीर उद्योग के अजय प्रकाश बड़ोला गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती कंडे के माध्यम से स्वरोजगार के लिए विगत 2 सालों से कार्य कर रहे हैं अब बाजार में इसकी अच्छी मांग होने लगी है इसको स्वरोजगार से जोड़ा गया है उत्तरकाशी के दूरस्थ गांव की फूल देवी चौहान गड़ियारा मिसमोर की वृद्ध महिला ने अपने पहाड़ी गाय के गोबर से बने कंडे बना कर बेच कर स्वरोजगार कर रही है हर कुछ ना कुछ गाय के गोबर के कंडे बनाकर अपने सूक्ष्म आजीविका चला रही है इन को अजय गायत्री कुटीर उद्योगों के अजय प्रकाश बड़ोला के दाम खरीद रहे हैं सतर रुपए सैकड़े के हिसाब से अजय प्रकाश बड़ोला ने बताया की गाय के गोबर के कंडों को जलाने से घर में सुख शांति आती है साथ ही घर पर छोटे-मोटे कीटाणु मर जाते हैं इसकी राख भी काम में आती है उत्तरकाशी नगर में अब वही लोग गाय के गोबर के कडे खरीद रहे हैं गाय गोबर पाउंड की भी मांग हो रही है गाय गोबर से स्वरोजगार के लिए धुप बती का निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है आने वाले यात्रा काल में गाय के गोबर से बनी विभिन्न वस्तुओं को स्वरोजगार पन किया जा सकता है युवा पीढ़ी के लिए यह एक रोजगार हो सकता है इसकी जानकारी अन्य युवाओं को भी की जा रही है ताकि गाय के गोबर से बनी दैनिक वस्तुओं का व्यापार किया जा सके