
रा०च०उ० राज० स्ना० महाविद्यालय उत्तरकाशी में उत्तराखण्ड शासन द्वारा सत्र 2023-24 में प्रारम्भ व वर्तमान में गतिमान मुख्यमन्त्री मेधावी उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत अध्यावधि तक कुल दस लाख बीस हजार रुपये की धनराशि डी० बी० टी० के माध्यम से हस्तान्तरित की जा चुकी है, जबकि स्नातक तृतीय वर्ष में छात्रवृति हस्तान्तरण का कार्य गतिमान है। अध्यावधि तक स्नातक प्रथम वर्ष के कला,विज्ञान व वाणिज्य संकाय से प्रथम,द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त कुल 09, द्वितीय वर्ष में तीनों संकायों से प्रथम,द्वितीय,तृतीय व 75% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले (अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा सहित ) तक के कुल 12 व स्नातकोत्तर अन्तिम वर्ष में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान,अंग्रेजी,संस्कृत,भूगोल, ड्राइंग एण्ड पेण्टिंग,राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र,समाजशास्त्र, इतिहास,गृह विज्ञान व वाणिज्य से प्रथम द्वितीय व तृत्तीय स्थान प्राप्त करने वाले कुल 42 छात्र-छात्राओं को डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति हस्तान्तरित की गई, अर्थात वर्तमान तक महाविद्यालय से कुल 63 मेधावी छात्र- छात्राएँ लाभान्वित हो चुके हैं ।जबकि कला विज्ञान व वाणिज्य संकाय से स्नातक तृतीय वर्ष के लाभान्वित होने वाले कुल 12 मेधावी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति हस्तान्तरण का कार्य गतिमान है । महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० सविता गैरोला ने मेधावी छात्रवृत्ति प्राप्त छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि मेधावी छात्रवृत्ति योजना विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करेगी व साथ ही आर्थिक सुदृढ़ता प्रोत्साहन करने व अंक प्रतिशत व परफॉर्मेंस बढ़ाने हेतु मील का पत्थर साबित होंगी । इसके लिए उन्होने मा० मुख्यमन्त्री, मा० उच्च शिक्षा मन्त्री व उत्तराखण्ड शासन को इस सराहनीय कार्य हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया । इसमें छात्रवृत्ति नोडल सुश्री रीना शाह द्वारा अवगत करवाया गया कि शासन से प्राप्त शासनादेश व उच्च शिक्षा निदेशालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के आधार पर वरीयता सूची तैयार कर डी० बी० टी० द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की गई है । व साथ ही तृतीय वर्ष के मेधावियों को डीबीटी के माध्यम से धनराशि शीघ्र हस्तान्तरित प्रदान कर दी जाएगी । इसमें मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री श्रद्धानंद सेमवाल, सहा० प्रा० श्री विनोद कुमार, डॉ० शिक्षा, श्रीमती नितिज्ञा,डॉ० सुनीता ,श्रीमती सृष्टि,श्री सत्येंद्र व समस्त संकायों के समस्त विभाग प्रभारियों व प्राध्यापकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।