उत्तराखंड

कुड़ियाल बंधु : अपनी जड़ों से जुड़ने की पहल

ऋषिकेश। जहाँ एक ओर तेजी से गाँव खाली हो रहे हैं, वहीं प्रवास में रह रहे लोग अपने गाँव और जड़ों से जुड़ने की कोशिशों में लगे हैं। इसी दिशा में कुड़ियाल बंधुओं ने भी एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने ऋषिकेश में बैठक कर “कुड़ियाल बंधु” नाम से एक संगठन का गठन किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सबसे पहले कुड़ियाल बंधुओं की वंशावली तैयार की जाएगी। पूर्व में वंशावली बनाई गई थी, लेकिन उसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
अब इसे पुनः संकलित कर विस्तार देने का संकल्प लिया गया है। महेश कुड़ियाल की पहल पर बुलाई गई बैठक में सभी उपस्थित सदस्यों ने अपने पूर्वजों और परिजनों से जुड़ने के हरसंभव प्रयास का संकल्प लिया। बैठक में कहा गया कि एक सूत्र में बंधकर कुड़ियाल बंधुओं के इतिहास को समृद्ध बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कुड़ियाल बंधु विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवा से लेकर अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। बैठक में त्रश्लेश्वर प्रसाद कुड़ियाल को संगठन की बागडोर सौंपी गई।

साथ ही निर्णय लिया गया कि आगामी समय में देशभर में फैले कुड़ियाल बंधुओं से संपर्क कर उन्हें इस संगठन से जोड़ा जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि विभिन्न क्षेत्रों में कुड़ियाल बंधुओं के योगदान और इतिहास को एक जगह संकलित कर संरक्षित किया जाएगा। कोषाध्यक्ष के रूप में श्री दुर्गा प्रसाद कुड़ियाल और अचलेश्वर कुड़ियाल को दायित्व सौपा गया। इसके साथ ही निकट भविष्य में एक बृहदू कुड़ियाल बंधु सम्मेलन आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया
यह रहे उपस्थित
बैठक में धीरजमणि कुड़ियाल, मायाराम जी कुड़ियाल, पितु प्रसाद कुड़ियाल, बिहारीलाल कुड़ियाल, डॉ. सुनीति कुड़ियाल, अचलेश्वर कुड़ियाल, आर्किटेक्ट के. सी. कुड़ियाल, सुरेश कुड़ियाल, योगेश कुड़ियाल, गणेश कुड़ियाल, गौतम कुड़ियाल, नरेन्द्र कुड़ियाल, विकास कुड़ियाल, द्रवेश्वर कुड़ियाल, नरेश कुड़ियाल, रोहित कुड़ियाल, प्रजेश कुड़ियाल सहित अनेक बंधु उपस्थित रहे।

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